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नेपाल की जमीन के नीचे ऐसा क्या है; बार-बार क्यों आते हैं विनाशकारी भूकंप? समझिए पूरी Geography

Nepal Earthquake: नेपाल की राजधानी काठमांडू में मंगलवार सुबह 7.1 तीव्रता का भूकंप महसूस किया गया है. राष्ट्रीय भूकंप मापन केंद्र ने यह जानकारी दी. देश की भूकंप निगरानी एजेंसी ने बताया कि भूकंप के झटके सुबह छह बजकर 50 मिनट पर महसूस किए गए, जिसका केंद्र नेपाल-तिब्बत बॉर्डर बताया जा रहा है. इसके अलावा चीन के डिंगी में तेज भूकंप का दावा किया जा रहा है. अब तक मिली जानकारी के मुताबिक 95 लोगों की मौत हो गई है. 

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नेपाल में तेज झटके महसूस होने के बाद लोग घरों से बाहर निकल आए, हालांकि भूकंप की वजह से अब तक किसी तरह के नुकसान की कोई जानकारी नहीं है. इस खबर में हम आपको बताएंगे कि आखिर नेपाल में ऐसा क्या है कि वहां बार-बार तबाहकारी भूकंप आते हैं. तो चलिए फिर जानते हैं.

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नेपाल हिमालय पर्वत श्रृंखला के बीच में मौजूद है. जो भारतीय और यूरेशियन टेक्टोनिक प्लेटों के संधि क्षेत्र (plate boundary) पर है. भारतीय प्लेट उत्तर की तरफ बढ़ रही है और यूरेशियन प्लेट से टकरा रही है. इस टकराव से भारी तनाव पैदा होता है, जो समय-समय पर भूकंप के रूप में उभरता है. यह प्रक्रिया लाखों वर्षों से हो रही है, जिसकी वजह से हिमालय का निर्माण भी हुआ.

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जब टेक्टोनिक प्लेटें आपस में टकराती हैं तो उनकी रफ्तार बाधित होती है और उनमें तनाव जमा हो जाता है. यह तनाव अचानक टूटकर ऊर्जा के रूप में बाहर आता है, जो भूकंप का कारण बनता है. नेपाल इस प्रकार की ऊर्जा मुक्त होने वाले 'सक्रिय भूकंपीय क्षेत्र' में आता है. जिस वजह से उसे बार-बार विनाशकारी हालत का सामना करना पड़ता.

हिमालयी की भौगोलिक कमजोरियां

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हिमालयी की भौगोलिक कमजोरियां

हिमालय पर्वत एक युवा पर्वत है जो भूवैज्ञानिक नजरिये से काफी अस्थिर है. कहा जाता है कि यहां की चट्टानें भी काफी कमजोर हैं, जो भूकंप के असर और ज्यादा बढ़ा देती हैं. इसके अलावा जमीन का कटाव और बारिश की वजह से जमीन खिसकने लगती है और घटना को ज्यादा गंभीर भी बना देती हैं.

2015 का विनाशकारी भूकंप

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2015 का विनाशकारी भूकंप

इससे पहले नेपाल में 2015 में विनाशकारी भूकंप आया था. जिसकी तीव्रता 7.8 मांपी गई थी. अप्रैल 2015 में इस भूकंप में लगभग 9000 लोग मारे गए थे और 22 हजार से ज्यादा लोग जख्मी हुई थी. इसके अलावा 8 लाख से ज्यादा घरों और स्कूलों की इमारत को नुकसान पहुंचा था.

1988 का नेपाल भूकंप

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1988 का नेपाल भूकंप

इससे पहले 21 अगस्त 1988 के भी नेपाल की धरती बुरी तरह कांपी थी. हालांकि तीव्रता इसकी थोड़ी कम थी. 6.9 तीव्रता वाले इस भूकंप में 700 से ज्यादा लोग मरे थे और हजारों की तादाद में जख्मी हुए थे.

1934 का नेपाल-बिहार भूकंप

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1934 का नेपाल-बिहार भूकंप

थोड़ा इससे पहले जाएं तो 1934 में नेपाल के अंदर सबसे घातर 8 तीव्रता वाला भूकंप आया था. इसका इतना ज्यादा था कि बिहार में देखा गया था. इस भूकंप को इतिहास के सबसे खराब भूकंपों में से एक माना जाता है. 15 जनवरी 1934 को आए भूकंप में 10 हजार से ज्यादा लोग मारे गए थे. इस भूकंप के बाद महात्मा गांधी ने भी बिहार का दौरा किया था.

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