South Coastal Railway: 8 जनवरी की शाम आंध्र प्रदेश की जनता के लिए नई सौगात लेकर आई. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारतीय रेलवे की 18वें जोन साउथ कोस्टल रेलवे (S Co R) के हेडक्वार्टर का शिलान्यास कर दिया. यह हेडक्वार्टर 150 करोड़ की लागत से विशाखापत्तनम में बनाया जाना है. साउथ कोस्टल रेलवे का मुख्यालय बनने के बाद यहां पर कृषि और बिजनेस दोनों को बढ़ावा मिलेगा. इससे इस क्षेत्र में पर्यटन को भी मजबूती मिलेगी. आइए जानते हैं इस प्रोजेक्ट से जुड़े फैक्ट-
साउथ कोस्टल रेलवे (S Co R) का हेड क्वार्टर विशाखापत्तनम के मुदासरलोवा के पास 52.22 एकड़ के जमीन पर करीब 150 करोड़ से तैयार किया जाएगा. हेड क्वार्टर की नौ मंजिला इमारत में पार्किंग के लिए ग्राउंड फ्लोर और दो बेसमेंट होंगे. इसमें 200 कार और 215 टू-व्हीलर को एक बार में पार्क किया जा सकता है.
साउथ कोस्टल रेलवे (S Co R) जोन शुरू होने के बाद 131 साल पुराने ऐतिहासिक वाल्टेयर रेलवे डिवीजन का भविष्य अनिश्चित है. पहले इस डिवीजन को भंग करने की बात थी. लेकिन अब संकेत मिल रहे हैं कि इसे बनाए रखा जा सकता है. वाल्टेयर के 1,052 किमी के रूट में कोट्टावलसा-किरांदुल (KK) लाइन जैसी प्रमुख माल ढुलाई मार्ग शामिल हैं. यह देश की सबसे ज्यादा माल ढुलाई रेवेन्यू वाली लाइन में से एक है.
साउथ कोस्टल रेलवे (S Co R) जोन के अंतर्गत कुल चार डिवीजन काम करेंगी. विजयवाड़ा, गुंटूर, गुंटकल डिवीजन के अलावा इसमें ईस्ट कोस्ट रेलवे का वाल्टेयर डिवीजन भी शामिल होगा. मौजूदा वाल्टेयर डिवीजन को दो हिस्सों में बांटा जाएगा. वाल्टेयर डिवीजन का एक हिस्सा साउथ कोस्ट रेलवे में और दूसरे को विजयवाड़ा डिवीजन के साथ मर्ज किया जाएगा. रेलवे इस रणनीति से बेहतर सर्विस देने का प्लान कर रहा है.
प्रोजेक्ट की डीपीआर के अनुसार साउथ कोस्टल रेलवे (S Co R) जोन के जरिये 500 से ज्यादा ट्रेनों का संचालन किया जाएगा. इसके अलावा करीब 13,000 करोड़ रुपये का सालाना रेवेन्यू जेनरेट करने का प्लान है. डीजल लोको शेड, इलेक्ट्रिक लोको शेड और वैगन रिपेयर शॉप (WRS) जैसी चीजें विशाखापत्तनम में मौजूद हैं.
साउथ कोस्टल रेलवे (S Co R) के हेड क्वार्टर को तैयार करने के लिए दो साल की समय सीमा दी गई है. यानी इसे 2026 के आखिर तक तैयार करना होगा. मार्डन हेड क्वार्टर, इकोनॉमिक बेरिफिट और बेहतर कनेक्टिविटी के साथ विशाखापत्तनम में साउथ कोस्ट रेलवे जोन के जरिये यहां के इंफ्रा और इकोनॉमी में बदलाव देखा जाएगा.
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