Which Country's Soldier Not Martyred in Any War: आज तक आपने कई देशों के बारे में सुना होगा, जिनके सैनिक किसी ना किसी युद्ध में जरूर शहीद हुए होंगे. लेकिन आज हम आपको एक ऐसे देश के बारे में बताएंगे, जिसका एक भी सैनिक आज तक किसी भी युद्ध में शहीद नहीं हुआ है.
दुनिया के इतिहास में कई देश अपने वीर सैनिकों की कुर्बानियों से जाने जाते हैं. हर देश के सैन्य बलों ने किसी न किसी युद्ध में शहादत पाई है. लेकिन स्विट्ज़रलैंड एक ऐसा देश है जिसके एक भी सैनिक ने अब तक युद्ध में अपनी जान नहीं गंवाई है. यह सुनने में असामान्य जरूर लगता है, लेकिन इसके पीछे स्विट्ज़रलैंड की अनोखी सैन्य और विदेश नीति है, जिसने इसे विश्व के बाकी देशों से अलग और खास बना दिया है.
स्विट्ज़रलैंड की तटस्थता नीति (Permanent Neutrality) का इतिहास सैकड़ों साल पुराना है. 1815 में विएना कांग्रेस के बाद, यूरोप के बड़े राष्ट्रों ने इसे तटस्थ राष्ट्र के रूप में मान्यता दी. इसका अर्थ है कि स्विट्ज़रलैंड ने यह वादा किया कि वह किसी भी सैन्य संघर्ष में शामिल नहीं होगा और अपना ध्यान शांति बनाए रखने पर केंद्रित करेगा. इसी नीति के चलते, पहले और दूसरे विश्व युद्ध जैसे बड़े संघर्षों में भी स्विट्ज़रलैंड ने अपनी सीमाएं बंद रखीं और खुद को इन युद्धों से दूर रखा.
इसके अलावा, स्विट्ज़रलैंड में एक बहुत ही मजबूत और आधुनिक सैन्य बल है, जो विशेष रूप से आंतरिक सुरक्षा और राष्ट्रीय रक्षा के लिए तैयार है. स्विस आर्मी की ट्रेनिंग काफी टफ होती है, लेकिन इसका उपयोग केवल देश की रक्षा और आपदाओं से निपटने में ही किया जाता है. सरकार की प्राथमिकता है कि सैन्य बल को सीधे युद्ध में झोंकने के बजाय, शांति और कूटनीति के जरिए मसलों का हल निकाला जाए.
स्विट्ज़रलैंड संयुक्त राष्ट्र जैसे वैश्विक संगठनों के साथ भी सक्रिय रूप से जुड़ा हुआ है, लेकिन उसने अब तक किसी सैन्य गठबंधन में हिस्सा नहीं लिया है. 2002 में संयुक्त राष्ट्र का सदस्य बनने के बावजूद, उसने अपने सैनिकों को शांतिरक्षा मिशनों में भी सीमित भूमिका ही दी है. इससे पता चलता है कि स्विट्ज़रलैंड सिर्फ अपनी तटस्थता की नीति का पालन नहीं करता, बल्कि इसे अपने राष्ट्रीय मूल्यों का हिस्सा मानता है.
कुल मिलाकर, स्विट्ज़रलैंड की तटस्थता और युद्ध से दूरी बनाने की नीति ने इसे एक शांतिपूर्ण राष्ट्र के रूप में स्थापित किया है.
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