Investing: लोग म्यूचुअल फंड में काफी इंवेस्टमेंट करते हैं. जिन लोगों को शेयर बाजार की जानकारी नहीं होती या फिर जो शेयर बाजार को ज्यादा वक्त नहीं दे सकते हैं वो लोग अक्सर म्यूचुअल फंड में अपने निवेश को बढ़ाते हैं. वहीं अब म्यूचुअल फंड स्कीम को लेकर सेबी की ओर से अहम फैसला लिया गया है. इस फैसले का असर म्यूचुअल फंड में इंवेस्ट करने वाले लोगों पर पड़ेगा. आइए जानते हैं इसके बारे में...
म्यूचुअल फंड के लिए योजना सूचना दस्तावेज (एसआईडी) तैयार करने में सुगमता लाने और निवेशकों को इसे आसानी से समझने लायक बनाने के लिए बाजार नियामक सेबी ने बुधवार को प्रस्ताव दस्तावेज के प्रारूप को सरल और तर्कसंगत बनाया है.
संशोधित प्रारूप का उद्देश्य निवेशकों तक प्रासंगिक जानकारी को सुव्यवस्थित ढंग से पहुंचाना, एसआईडी के निर्माण को तर्कसंगत बनाना और म्यूचुअल फंड कंपनियों के लिए इसे समय-समय पर अपडेट करने की सुविधा देना है. भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने एक परिपत्र में कहा कि नया प्रारूप एक अप्रैल 2024 से लागू होगा.
एसआईडी के प्रारूप में सुधार का निर्णय म्यूचुअल फंड निकाय एम्फी के सुझावों और सेबी की म्यूचुअल फंड सलाहकार समिति की सिफारिशों को ध्यान में रखते हुए किया गया. एसआईडी में संशोधनों को प्रभावी बनाने के लिए सेबी ने कई प्रावधानों में बदलाव किए हैं. इनमें योजना के पोर्टफोलियो होल्डिंग्स का खुलासा एक वेब लिंक के माध्यम से करने की बात भी कही गई है.
इसके साथ ही म्यूचुअल फंड योजनाएं लाने वाली परिसंपत्ति प्रबंधन कंपनियों (एएमसी) के निदेशक मंडल और अन्य प्रमुख अधिकारियों के योजना में कुल निवेश के बारे में भी कुछ खुलासे अतिरिक्त सूचना विवरण (एसएआई) में करने होंगे. सेबी ने कहा, ‘‘सभी नई योजनाओं में एक अलग पोर्टफोलियो के निर्माण के लिए एसआईडी में सक्षम प्रावधान शामिल होंगे.’’ (इनपुट: भाषा)
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