Indian Railway: उत्तरप्रदेश के प्रयागराज में महाकुंभ मेला कल यानी 13 जनवरी से शुरू हो गया है. महाकुंभ को लेकर भारतीय रेलवे ने भी व्यापक तैयारियां की हैं. इस महायोजन में करीब 40 करोड़ श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद है, जिनमें से 5 करोड़ श्रद्धालु केवल मौनी अमावस्या के दिन (29 जनवरी) आएंगे.
रेलवे ने इन श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए 3,000 से अधिक स्पेशल ट्रेनें चलाई हैं, जो 2019 में हुए अर्धकुंभ के मुकाबले 4.5 गुना ज्यादा हैं. इनमें 706 लंबी दूरी की ट्रेनें और 1869 छोटी दूरी की ट्रेनें शामिल हैं.
श्रद्धालुओं की सुरक्षा और यात्रा को सुगम बनाने के लिए प्रयागराज क्षेत्र के 9 प्रमुख स्टेशनों पर 1,176 CCTV कैमरे लगाए गए हैं, जो रीयल-टाइम मॉनिटरिंग की सुविधा देंगे. साथ ही 12 भाषाओं में अनाउंसमेंट सिस्टम शुरू किया गया है, जो श्रद्धालुओं को उनकी भाषा में मदद करेगा. स्टेशन पर 22 भाषाओं में जानकारी देने वाली बुकलेट भी उपलब्ध कराई गई है.
इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक, रेलवे ने इस बार 554 टिकटिंग काउंटर बनाए हैं, जिनमें 151 मोबाइल यूटीएस (Unreserved Ticketing System) काउंटर शामिल हैं. इसके अलावा, 48 नए प्लेटफॉर्म, 21 फुट ओवरब्रिज (FoB), और 23 स्थायी होल्डिंग एरिया तैयार किए गए हैं, जिनकी क्षमता एक लाख श्रद्धालुओं से ज्यादा है. सड़कों और रेल की कनेक्टिविटी बेहतर करने के लिए 21 रोड ओवरब्रिज (ROB) और रोड अंडरब्रिज (RUB) भी बनाए गए हैं.
महाकुंभ को ध्यान में रखते हुए रेलवे ने पिछले तीन सालों में 5,000 करोड़ रुपये का निवेश किया है. बनारस-प्रयागराज डबलिंग प्रोजेक्ट (जिसमें गंगा ब्रिज भी शामिल है) और फाफामऊ-जंघई डबलिंग प्रोजेक्ट जैसे बड़े इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स पर 3,700 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं. संगम और आसपास के क्षेत्रों को जोड़ने वाले मुख्य सेक्शन का काम पूरा हो चुका है.
रेलवे ने मालगाड़ियों DFC गलियारों की ओर डायवर्ट कर दिया है ताकि यात्री ट्रेनों का संचालन सुगम रहे. श्रद्धालुओं की सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए रेलवे ने कई कदम उठाए हैं, जिससे यह महाकुंभ दुनिया का सबसे बड़ा धार्मिक आयोजन बने और श्रद्धालुओं को एक बेहतर अनुभव मिले.
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