Iranian women need certificates to prove they are virgins: दुनिया में कई ऐसे देश हैं, जहां सामाजिक कुरीतियों के चलते महिलाओं को खूब परेशानी उठानी पड़ती है. आप सोचकर हैरान हो जाएंगे कि दुनिया में एक देश ऐसा भी है जहां शादी से पहले यहां की लड़कियों को वर्जिन होने का सबूत देना पड़ता है. इसके लिए बकायदा 'वर्जिनिटी टेस्ट' कराना होता है. लड़कियों को मुश्किल तब और होती है, जब उन्हें वर्जिनिटी टेस्ट में 'फेल' का डर होता है, इसके लिए वह ऑपरेशन का रास्ता चुनती हैं और उसके लिए अपने घर के सोने, चांदी, मोबाइल, लैपटाॅप तक बेच देती हैं. जानें पूरी खबर.
भारत समेत दुनिया भर में महिलाओं को कई तरह के टैबू का सामना करना पड़ता है जिसमें से एक वर्जिनिटी भी है. भारत में भी ऐसे कई मामले सामने आ चुके हैं जहां लोग शादी से पहले लड़की की वर्जिनिटी टेस्ट करवाते हैं जबकि पुरुषों के लिए ऐसा कोई पैमाना सेट नहीं किया गया है. कई देशों में शादी से पहले वर्जिनिटी टेस्ट कराना काफी आम है. लेकिन किसी देश में यह एक खतरनाक हादसे की तरह होता है. तो आइए जानते हैं आखिर किस देश में कुंवारी होने का सबूत देना होता है.
ईरान में रहने वाली हजारों महिलाओं और लड़कियों के लिए शादी से पहले वर्जिनिटी टेस्ट करना जरूरी होता है. यह टेस्ट बिना किसी मेडिकल बेसिस पर करवाया जाता है. जो महिलाएं इस टेस्ट में फेल हो जाती हैं, उन्हें हाइमन रिपेयर सर्जरी के लिए फोर्स किया जाता है. यहां ऐसे भी कई मामले सामने आए हैं जहां वर्जिनिटी टेस्ट में फेल होने वाली महिलाओं को जान से मार दिया जाता है.
वर्जिनटी टेस्ट का कोई मेडिकल आधार नहीं है लेकिन ईरान में रहने वाले लोग लड़की पर इस टेस्ट को कराने के लिए दबाव बनाते हैं. इस वर्जिनिटी टेस्ट पर ईरान की महिलाओं का कहना है कि उन्हें यह कैरेक्टर सर्टिफिकेट बिल्कुल भी पसंद नहीं है क्योंकि उन्हें इसके लिए अजीबोगरीब टेस्ट से गुजरना पड़ता है. वर्जिनिटी टेस्ट के लिए क्लिनिक गई एक महिला ने बताया कि उसे यहां आना बिल्कुल भी पसंद नहीं है लेकिन परिवार के दबाव के कारण उसे यह करना पड़ा.
बीबीसी में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक, ईरान में शादी से पहले कौमार्य कई लड़कियों और उनके परिवारों के लिए महत्वपूर्ण है. कभी-कभी पुरुष वर्जिनिटी सर्टिफिकेट की मांग करते हैं. एक ऐसी प्रथा जिसे विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) मानवाधिकारों के विरुद्ध मानता है. जिसका कई सालों से ईरान में विरोध भी हो रहा है. बीबीसी में छपी रिपोर्ट में एक लड़की मरियम(बदला हुआ नाम) के साथ हुए हादसे को लिखा गया जिसमें बताया गया कि पति ने मरियम से पहली बार सेक्स किया और उसके बाद कहा "तुमने मुझे धोखा देकर शादी के लिए मजबूर किया क्योंकि तुम कुंवारी नहीं हो. अगर उन्हें सच्चाई पता होती तो कोई भी तुमसे शादी नहीं करता."
मरियम ने कहा कि भले ही रक्तस्राव न हुआ हो, लेकिन उसने पहले कभी सेक्स नहीं किया है. लेकिन उसने उसकी बात पर विश्वास नहीं किया और उससे वर्जिनिटी सर्टिफिकेट लाने को पति ने बोल दिया. इसके बाद मरियम ने अपनी जांच कराई. वर्जिनिटी सर्टिफिकेट कहा गया है कि उसकी हाइमन का प्रकार "लोचदार" था. इसका मतलब है कि उसे पेनेट्रेटिव सेक्स के बाद शायद खून न आए. इस घटना के बाद मरियम ने कहा "इससे मेरे स्वाभिमान को ठेस पहुंची. मैंने कुछ भी गलत नहीं किया, लेकिन मेरे पति मेरा अपमान करते रहे," उसने कहा. "मैं इसे और बर्दाश्त नहीं कर सकती थी, इसलिए मैंने कुछ गोलियां खा लीं और खुद को मारने की कोशिश की." समय रहते उसे अस्पताल ले जाया गया और वह बच गई.
मरियम की कहानी ईरान की कई महिलाओं की सच्चाई है. शादी से पहले वर्जिन होना आज भी कई लड़कियों और उनके परिवारों के लिए महत्वपूर्ण है. यह एक ऐसा मूल्य है जो सांस्कृतिक रूढ़िवाद में गहराई से निहित है. लेकिन हाल ही में चीजें बदलने लगी हैं. देश भर में महिलाएँ और पुरुष वर्जिनिटी सर्टिफिकेट को समाप्त करने के लिए अभियान चला रहे हैं.
ईरान में सगाई के बाद कई महिलाएं डॉक्टर के पास जाती हैं और जांच करवाती हैं जिससे यह साबित होता है कि उन्होंने कभी सेक्स नहीं किया है. हालांकि, WHO के अनुसार, कौमार्य परीक्षण का कोई वैज्ञानिक महत्व नहीं है. इसी रिपोर्ट में बताया गया कि तेहरान की यह लड़की नेदा जो 17 साल की छात्रा थी, तो उसने अपने प्रेमी के साथ अपना कौमार्य खो दिया. उसने कहा "मैं घबरा गई. मुझे डर था कि अगर मेरे परिवार को पता चल गया तो क्या होगा." इसलिए, नेदा ने अपनी हाइमन को ठीक करने का फैसला किया. तकनीकी रूप से, यह प्रक्रिया अवैध नहीं है लेकिन समाज के खौफ में हमने एक चुपके से निजी क्लिनिक ढूंढा जिसने भारी कीमत ली, उसके लिए मैंने अपनी सारी बचत खर्च कर दी. मैंने अपना लैपटॉप, अपना मोबाइल फोन और अपने सोने के गहने बेच दिए. ईरान में महिलाएं कुंवारी बने रहने के लिए हाइमनोप्लास्टी का सहारा लेती हैं.
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