Indian Railways: कड़ाके की सर्दी में स्लीपर कोच में कौन ही सफर करना चाहता है? लेकिन कई बार एसी कोच में टिकट नहीं मिलने या फिर किराया महंगा होने के कारण मजबूरन कुछ लोगों को स्लीपर कोच में यात्रा करनी पड़ती है. लेकिन आप हम आपको रेलवे की ऐसी सुविधा के बारे में बता रहे हैं जिससे आपके टिकट की कीमत थर्ड एसी से भी कम हो जाएगी और आप सफर भी एसी कोच में कर सकेंगे.
अगर आप भी अक्सर ट्रेन से सफर करते हैं तो आपको पता ही होगा कि ट्रेन में अलग-अलग कोच SL, 1AC, 2AC, 3AC, 2S और CC श्रेणी के कोच होते हैं. लेकिन रेलवे की तरफ से कुछ ट्रेनों में थर्ड एसी के इकोनॉमी कोच की बोगी जोड़ी गई हैं. इस तरह के कोच को M कोड से जाना जाता है. इस कैटेगरी की टिकट का दाम थर्ड एसी से कम होता है. लेकिन इसमें सुविधाएं थर्ड एसी की ही तरह होती हैं.
रेलवे की तरफ से थर्ड एसी के इकोनॉमी कोच को साल 2021 में लॉन्च किया गया था. हालांकि, इस तरह के कोच को अभी सभी ट्रेनों में नहीं लगाया गया है. उदाहरण के लिए आपको दिल्ली से पटना जाना है तो संपूर्ण क्रांति एक्सप्रेस में थर्ड एसी का किराया 1350 रुपये है. लेकिन यदि आप थर्ड एसी के इकोनॉमी क्लास यानी M कोच से यात्रा करते हैं तो आपको महज 1250 रुपये देने होंगे.
थर्ड AC इकोनॉमी क्लॉस के कोच और नॉर्मल 3AC में फर्क यह होता है कि इसकी बर्थ नॉर्मल से थोड़ी छोटी होती हैं. दरअसल, पारंपरिक 3AC कोच में 72 बर्थ होती हैं. लेकिन 3 AC इकोनॉमी कोच में 80 या इससे अधिक बर्थ होती हैं.
थर्ड एसी इकोनॉमी कोच में यात्रियों को वो सभी सुविधाएं मिलती हैं जो थर्ड एसी में मिलती हैं. इसमें बेडशीट, ब्लैंककेट के अलावा भी कई खासियत होती हैं. थर्ड एसी इकोनॉमी कोच में बोतल स्टैंड, रीडिंग लाइट और चार्जिंग प्वाइंट की भी सुविधा मिलती है. यह कोच अभी सभी ट्रेनों में उपलब्ध नहीं है.
थर्ड एसी इकोनॉमी क्लास कोच में सीटों की चौड़ाई थोड़ी कम होती है, जिसकी वजह से एक ही कोच में अधिक सीटें लगाई जा सकती हैं. हालांकि, सीटों की चौड़ाई में यह अंतर यात्रियों के आराम को बहुत अधिक प्रभावित नहीं करता है. अगर आप बहुत लंबे कद के हैं या आपको बहुत अधिक जगह की आवश्यकता है, तो आपको थोड़ी असुविधा हो सकती है.
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