8 countries without river: आज हम आपको ऐसे 8 देशों के बारे में बताने जा रहे हैं, जहां नदियां नहीं पाई जातीं. अब यह सोचने वाली बात है कि जब यहां नदियां नहीं हैं, तो लोग पीने का पानी कहां से प्राप्त करते होंगे? इस लिस्ट में जो पांचवें नंबर पर देश है, उसका नाम जानकर आपको हैरानी हो सकती है.
पानी जीवन के लिए बेहद जरूरी है, और जिन देशों में नदियां, झीलें और तालाब होते हैं, वहां लोगों को पानी की कमी नहीं होती. लेकिन क्या होगा अगर किसी देश में नदियां ही न हों? ऐसे देश में लोग पीने का पानी कैसे प्राप्त करते होंगे? आपको शायद लगे कि दुनिया में ऐसा कोई देश नहीं हो सकता जहां नदियां न हों, लेकिन आप गलत हैं. आज हम आपको ऐसे 8 देशों के बारे में बताएंगे जहां नदियां नहीं हैं. हैरान करने वाली बात यह है कि इस लिस्ट में जो पांचवें नंबर पर देश है, उसका नाम जानकर आप चौंक जाएंगे.
टाइम्स ऑफ इंडिया के अनुसार, अरेबियन प्रायद्वीप में स्थित सऊदी अरब (Saudi Arabia), उन सबसे बड़े देशों में से एक है, जहां नदियां नहीं हैं. इस देश में कई मीलों तक फैले रेगिस्तान हैं, लेकिन इसके बावजूद सऊदी अरब की सरकार ने वॉटर मैनेजमेंट के खास तरीके विकसित किए हैं. यहां समुद्र के पानी को पीने योग्य बनाने के लिए डीसैलिनेशन (Sea Water Desalination) की प्रक्रिया का उपयोग किया जाता है. सऊदी अरब का लगभग 70 प्रतिशत पानी डीसैलिनेशन से मिलता है. इसके अलावा, यहां पानी के रीयूज़ की भी बेहतरीन व्यवस्था है, जिससे पानी की कमी को प्रभावी रूप से नियंत्रित किया जाता है
कतर (Qatar), जो कि एक बेहद अमीर देश है, इस देश में भी कोई नदियां नहीं हैं. इस वजह से इस देश को भी समुद्र के पानी को साफ करके पीने योग्य बनाने की प्रक्रिया अपनानी पड़ती है. रिपोर्ट्स के अनुसार, दुनिया में प्रति व्यक्ति पानी की खपत सबसे ज्यादा कतर में होती है. इसके चलते यहां पर 99 प्रतिशत पीने का पानी डीसैलिनेशन (Sea Water Desalination) से प्राप्त किया जाता है. कतर के लिए यह जल प्रबंधन का प्रमुख तरीका है, जो पानी की बढ़ती जरूरतों को पूरा करने में मदद करता है.
युक्त अरब अमीरात (UAE) भी एक बिना नदी वाला देश है. यह देश अपनी समृद्धि के लिए दुबई और अबू धाबी जैसे शहरों के लिए प्रसिद्ध है. यूएई अपनी पानी की जरूरतों को पूरा करने के लिए मुख्य रूप से डिसेलिनेशन (समुद्री पानी को पीने योग्य बनाने की प्रक्रिया) का उपयोग करता है, जिससे यहां के पीने के पानी का लगभग 80% उत्पादन होता है. इसके अलावा, खेतों में सिंचाई और औद्योगिक उपयोग के लिए ट्रीटेड वेस्ट वॉटर (साफ किया गया गंदा पानी) का उपयोग किया जाता है.
कुवैत भी एक ऐसा देश है जहां नदियां नहीं हैं. यह देश अपनी पानी की जरूरतों को पूरा करने के लिए डिसेलिनेशन (समुद्र के पानी को पीने योग्य बनाने की प्रक्रिया) प्लांटों पर निर्भर है. कुवैत ने जल संकट से निपटने के लिए कड़े जल संरक्षण उपायों को लागू किया है.
बहरीन में झरने और भूजल संसाधन तो हैं, लेकिन यहां प्राकृतिक नदियों की कमी है. ऐसे में ये देश अपनी पानी की जरूरतों को पूरा करने के लिए यह देश भी डिसेलिनेशन (समुद्र के पानी को पीने योग्य बनाने की प्रक्रिया) पर निर्भर है। रिपोर्ट के अनुसार, बहरीन को अपने ताजे पानी का 60 प्रतिशत डिसेलिनेशन के माध्यम से प्राप्त होता है.
मालदीव, जो चारों ओर समुद्र से घिरा एक बेहद ही खूबसूरत देश है, यहां भी कोई प्राकृतिक नदी नहीं है. हालांकि, बढ़ते समुद्री स्तर के कारण यहां मीठे पानी के स्रोतों पर खतरा मंडरा रहा है. इस देश ने अपनी पानी की जरूरतों को पूरा करने के लिए अलग-अलग उपायों को अपनाया है. मालदीव बारिश के पानी का संचयन (रेनवाटर हार्वेस्टिंग), डिसेलिनेशन (समुद्र के पानी को पीने योग्य बनाने की प्रक्रिया), और बोतलबंद पानी के जरिए अपनी पानी की जरूरतों को पूरा करता है
अरेबियन प्रायद्वीप के दक्षिण-पूर्वी तट पर स्थित ओमान (Oman) में कोई स्थायी नदी नहीं है. हालांकि, यहां कई वादियां हैं, जहां बारिश के दिनों में पानी भरता है और वे अस्थायी नदियों का रूप ले लेती हैं. देश ने कृषि में कई ऐसी तकनीकें अपनाई हैं, जिनसे पानी की बचत की जा सके.
दुनिया का सबसे छोटा स्वतंत्र देश वैटिकन सिटी (Vatican City) में भी कोई नदी नहीं बहती है. यह देश इटली के जल आपूर्ति प्रणाली पर निर्भर करता है. वैटिकन सिटी में पानी की आपूर्ति इटली से ही होती है, क्योंकि यहां प्राकृतिक जल स्रोत उपलब्ध नहीं हैं. इस प्रकार छोटे से देश को अपनी पानी की जरूरतों के लिए पड़ोसी देश पर निर्भर रहना पड़ता है.
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