Marriage Laws: केरल हाईकोर्ट ने लिव इन रिलेशनशिप को लेकर कहा था कि आज की पीढ़ी शादी को बुराई मानती है. हमें यूज एंड थ्रो के कल्चर ने बर्बाद कर दिया है. कोर्ट की इस टिप्पणी पर 48 प्रतिशत लोगों ने सहमति दर्ज की है.
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Kerala High Court: केरल हाईकोर्ट (Kerala High Court) ने तलाक के एक मामले पर सुनवाई करते हुए कहा कि नई पीढ़ी शादी को बुराई मानती है, आजादी के लिए वो इससे दूर भागती है. यही वजह है कि आज लिव इन रिलेशनशिप के मामले बढ़ रहे हैं. हमें यूज एंड थ्रो के कल्चर ने बर्बाद कर दिया है. कोर्ट ने कहा कि यह समाज के लिए चिंता का विषय है.
हाईकोर्ट ने की थी ये टिप्पणी
केरल हाईकोर्ट ने आगे कहा, नई पीढ़ी जिम्मेदारियों से मुक्त रहना चाहती है. वे WIFE शब्द को अब 'Worry Invited For Ever' (चिंता हमेशा के लिए आमंत्रित करना) समझ रहे हैं, जबकि पहले ये 'Wise Investment for Ever' (हमेशा के लिए समझदारी का निवेश) था. इसलिए शादी करने के बजाय लिव इन रिलेशनशिप में रहना ज्यादा पसंद करते हैं. इसमें उन्हें कोई जिम्मेदारी नहीं उठानी पड़ती और जब चाहें वे इस रिश्ते से मुक्त हो सकते हैं.
Q2: A #KeralaHighCourt bench has observed that the rise of live-in relationships mirrors the growth of the 'use and throw' consumer culture. How much do you agree with this? pic.twitter.com/vu9qrT0WTE
— IANS (@ians_india) September 3, 2022
48% लोग कोर्ट के बयान से सहमत
सीवोटर-इंडियाट्रैकर ने यह जानने के लिए आईएएनएस की ओर से एक राष्ट्रव्यापी सर्वे किया कि लोग कोर्ट द्वारा की गई टिप्पणी के बारे में क्या सोचते हैं. सर्वे में 48 प्रतिशत लोगों ने कोर्ट के इस तथ्य से पूरी तरह सही बताया, वहीं 28 प्रतिशत लोग आंशिक रूप से कोर्ट से सहमत हुए. इनके अलावा, बाकी 24 प्रतिशत लोगों ने इस पर अपनी राय देने से इनकार कर दिया.
53% पुरुष और 43% महिलाएं सहमत
सर्वे के आंकड़ों के अनुसार, पुरुष और महिला दोनों उत्तरदाताओं का सबसे बड़ा अनुपात कोर्ट के बयान से पूरी तरह सहमत था. सर्वे के दौरान, 53 प्रतिशत पुरुष और 43 प्रतिशत महिला उत्तरदाताओं ने जोर देकर कहा कि अदालत ने बिल्कुल सही अवलोकन किया है. वहीं, 26 फीसदी पुरुष मतदाताओं और 31 फीसदी महिला उत्तरदाताओं का मत था कि वे अदालत के बयान से आंशिक रूप से सहमत हैं.
18-24 साल के 56 फीसदी युवा कोर्ट से सहमत
सर्वे के दौरान, युवा और वृद्ध आयु वर्ग के 50 प्रतिशत से अधिक उत्तरदाताओं ने अदालत की कही गई बातों से पूरी तरह सहमति व्यक्त की. सर्वे के डेटा के अनुसार, 18-24 साल के 56 प्रतिशत उत्तरदाताओं, 25-34 वर्ष आयु वर्ग के 51 प्रतिशत उत्तरदाताओं और 55 वर्ष से अधिक आयु के 52 प्रतिशत लोगों ने कहा कि अदालत का अवलोकन मौजूदा समय में समाज की वास्तविकता को दर्शाता है.
(इनपुट- आईएएनएस)
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