40 शेर-30 घोड़े के साथ एंट्री, PM-President की जुबां पर रहता था नाम; जानिए जेमिनी शंकरन की अनकही कहानी!
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40 शेर-30 घोड़े के साथ एंट्री, PM-President की जुबां पर रहता था नाम; जानिए जेमिनी शंकरन की अनकही कहानी!

Gemini Sankaran Death News: भारतीय सर्कस का पितामह (Father of Indian Circus) कहे जाने वाले जेमिनी शंकरन (Gemini Sankaran) ने रविवार के दिन दुनिया को अलविदा कह दिया. शंकरन के निधन पर केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन समेत कई राजनेताओं ने भी शोक व्यक्त किया. यहां उनके कुछ अनकहे किस्से बताए जा रहे हैं.

Shankaran Founder of Gemini Circus dies

Gemini Sankaran Biography: मौजूदा समय में एंटरटेनमेंट के लिए लोग यूट्यूब, ओटीटी प्लेटफॉर्म, टीवी और रेडियो (YouTube, OTT platform, TV and Radio) जैसे चीजों पर निर्भर हैं लेकिन कुछ वक्त पहले तक एंटरटेनमेंट के लिए लोग मेले और सर्कस का रुख किया करते थे. हालांकि, वर्तमान समय में सर्कस देश में दम तोड़ने की कगार पर पहुंच गया है. ये बात सर्कस पसंद करने वालों को अक्सर दुखी करती है लेकिन सर्कस के दीवानों के लिए उससे बुरी खबर ये है कि भारतीय सर्कस का पितामह (Father of Indian Circus) कहे जाने वाले जेमिनी शंकरन (Gemini Sankaran) ने रविवार के दिन दुनिया को अलविदा कह दिया. जेमिनी शंकरन ने अपने पीछे एक बहुत बड़ी विरासत छोड़ी है जिसके बारे में सुनकर बड़े-बड़े लोगों के हैरान हो जाते हैं. भारतीय सर्कस के पितामह जब सर्कस के मैदान में उतरते थे, तब बड़े-बड़े लोग भी चौंक जाते थे क्योंकि इस दौरान उनके साथ 40 शेर, 30 घोड़े और 20 हाथी होते थे.

शो में होता था पूरा जंगल

जेमिनी शंकरन के शो में उनके साथ एक छोटा सा जंगल मौजूद होता था क्योंकि वहां 40 शेर, 3 भालू, 15 बाघ, 6 ऊंट, 3 जिराफ, 30 घोड़े, 20 हाथी और 2 समुद्री शेर भी थे. भारत में सर्कस को बढ़ावा देने का श्रेय भी जेमिनी शंकरन को ही जाता है. इन्होंने ही जेमिनी सर्कस की स्थापना की थी. साल 1924 में जन्में जेमिनी शंकरन के प्रधानमंत्रियों, राष्ट्रपतियों और दूसरे मशहूर हस्तियों से अच्छे रिश्ते थे. प्रगतिशील सोच वाले जेमिनी ने भारतीय सर्कस को नया आयाम देने का काम किया था जिसके लिए उन्हें पुरस्कार भी दिया गया.

बिजनेस भी आजमाया हाथ

आपको बता दें कि साल 1942 में जेमिनी शंकरन ने आर्मी में भी अपनी सेवा दी थी. इस दौरान वो द्वितीय विश्व युद्ध (Second World War) तक आर्मी का हिस्सा रहें. इससे पहले उन्होंने बिजनेस में भी हाथ आजमाया था लेकिन वहां पर शंकरन को सफलता नहीं मिली और भारी घाटे का सामना करना पड़ा था. भारत सरकार द्वारा जेमिनी शंकरन को सर्कस की दुनिया में बेहतरीन काम के लिए 'लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड' से भी नवाजा गया. शंकरन की शख्सियत को आप इस तरह समझ सकते हैं कि उनके निधन पर केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन (Kerala Chief Minister Pinarayi Vijayan) समेत कई राजनेताओं ने भी शोक व्यक्त किया.

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