IAS K Vasuki row: केरल सरकार के एक फैसले ने उसे बीजेपी के निशाने पर ला दिया है. हालांकि उसके इस फैसले से कांग्रेस कुछ खास परेशान नहीं दिख रही है.
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Who is K Vasuki: केरल की पिनराई विजयन (Pinarayi Vijayan) सरकार और केंद्र की मोदी सरकार के बीच की अदावत किसी से छिपी नहीं है. इस पुरानी तकरार में हाल ही में एक नया अध्याय शनिवार को जुड़ गया. दरअसल शनिवार को केरल सरकार ने एक ऐसा ऐलान कर दिया. जो समझ से परे था लिहाजा उस फैसले से हर कोई चौंक गया. केरल सरकार (Kerala government) के इस फैसले को बीजेपी (BJP) ने सीधे तौर पर संविधान के खिलाफ यानी संविधान पर हमला करार दिया है. दरअसल केरल की राज्य सरकार ने के वासुकी (IAS K Vasuki) नाम की महिला अधिकारी को विदेश सचिव (Foreign Secretary) नियुक्त किया है. अब इसी फैसले पर बीजेपी केरल की लेफ्ट सरकार को घेर-घेर कर हमले कर रही है. हालांकि इस पूरे एपिसोड से कांग्रेस (Congress) कुछ खास परेशान नहीं दिख रही है.
कौन हैं वासुकी?
वासुकी श्रम और कौशल विभाग की सचिव हैं. उन्हें 15 जुलाई के एक सरकारी आदेश द्वारा ‘विदेशी सहयोग से जुड़े विषयों’ का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है. सरकारी आदेश में कहा गया है कि सामान्य प्रशासन (राजनीतिक) विभाग बाहरी सहयोग से संबंधित विषयों से निपटेगा और वैकल्पिक व्यवस्था होने तक वासुकी की सहायता करेगा. आदेश में कहा गया है, ‘नयी दिल्ली स्थित केरल हाउस के रेजीडेंट कमिश्नर, बाहरी सहयोग के मामलों में अधिकारी को सहयोग करेंगे तथा विदेश मंत्रालय, मिशनों और दूतावासों आदि के साथ संपर्क स्थापित करेंगे.’
BJP बोली संविधान का अपमान
केरल के बीजेपी अध्यक्ष के. सुरेंद्रन ने इसे लेकर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक ट्वीट किया है. के. सुरेंद्रन ने लिखा- 'IAS अधिकारी के. वासुकी को ‘राय का विदेश सचिव’ नियुक्त करना ‘संवैधानिक’ और ‘संघीय सिद्धांतों का घोर उल्लंघन है. LDF सरकार के पास विदेशी मामलों में कोई जनादेश नहीं है. ये असंवैधानिक कदम एक खतरनाक मिसाल कायम करता है. क्या सीएम पिनाराई विजयन केरल को एक अलग राष्ट्र के रूप में स्थापित करने का प्रयास कर रहे हैं? उन्होंने ये भी कहा, 'विदेश मामले केंद्र के अधिकार क्षेत्र में आते हैं और राज्य सरकार का इसमें हस्तक्षेप करने का कदम देश को एक बुरा संकेत देता है. सुरेंद्रन ने इस नियुक्ति को तत्काल रद्द करने की मांग की, जो देश की एकता और अखंडता को नष्ट कर रही है.'
थरूर ने इस फैसले को राइट बताया या लेफ्ट?
वरिष्ठ कांग्रेस नेता और पूर्व राजनयिक शशि थरूर ने (Shashi Tharoor) ने भी इस मामले पर अपनी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने सोशल मीडिया साइट X पर कुछ लिखा. हालांकि बाद में उनकी पोस्ट अनअवेलेबल दिखने लगी. हालांकि उन्होंने राज्य में एक विदेश सचिव नियुक्त करने के केरल सरकार के कदम को 'काफी असामान्य' बताते हुए कहा- 'तथ्य ये है कि विदेशी संबंधों को केंद्र सरकार द्वारा नियंत्रित किया जाता है और किसी भी राज्य सरकार के पास कोई स्वतंत्र विदेशी संबंध नहीं है, लेकिन राज्य सरकारों के लिए यह पूरी तरह से उचित है कि वे अपने निवासियों से जुड़े मामलों के लिए विदेशों में दूतावासों के बिना काम करें. अब एक विशिष्ट जिम्मेदारी दी जाएगी एक अधिकारी के लिए यह स्वभाव काफी असामान्य है, लेकिन यह बहुत स्पष्ट रूप से समझा जाता है कि उसकी अपनी कोई विदेशी संबंध जिम्मेदारी नहीं है, बल्कि यह मूल रूप से भारत सरकार के निकायों के माध्यम से होगी.'
Not “without” but “with our”! “Work with our Embassies” — not “work without embassies” @PTI_News https://t.co/msmNduhzuD
— Shashi Tharoor (@ShashiTharoor) July 20, 2024
गौरतलब है कि इस मामले पर शुरू हुई सियासत थमने का नाम नहीं ले रही है. बीजेपी लगातार आक्रामक हो कर केरल सरकार को घेर रही है. आईएएस वासुकी ने अपना करियर मेडिकल क्षेत्र में बनाया. जब उन्होंने सरकारी अस्पताल में काम करना शुरू किया तो उन्हें एहसास हुआ कि एक डॉक्टर के रूप में काम करना लोगों की समस्याओं को खत्म करने के लिए पर्याप्त नहीं है. आगे उन्होंने आईएएस अफसर बनने की ठान ली.