उत्तराखंड में मौजूद कई टूरिस्ट डेस्टिनेशन आपका मन मोहते हैं. इनमें औली बेहद खास है. यहां की प्राकृतिक खूबसूरती के अलावा एडवेंचर स्पोर्ट्स भी सैलानियों को खूब लुभाते हैं.
समुद्र तल से 2800 मीटर की ऊंचाई पर बसा औली बेहद खूबसूरत हिल स्टेशन है. यहां चारों तरफ खूबसूरत वादियां और हरियाली आपके मन को खुश कर देगी.
औली एक आर्टिफिशियल झील है, ऊंचाई पर स्थित है. यह प्राचीन झील दुनिया की सबसे ऊंची मानव निर्मित झीलों में से एक है.
जोशीमठ कई में कई मंदिर स्थित है. इतिहास के अनुसार आदि गुरु शंकराचार्य ने यहां सन्यासियों के लिए चार पिठों में से एक की स्थापना की.
छत्रकुंड जोशीमठ में एक खूबसूरत झील है. यह औली के सबसे अच्छे पर्यटन स्थलों में से एक है. यह समुद्र तल से 3300 मीटर की ऊंचाई पर है.
औली में केबल कार की सवारी रोमांचित करती है. केबल कार से सवारी 3.96 किलोमीटर की दूरी तय करता है. रोपवे के जरिए ऊपर से मन मोहने वाला नजारा दिखाई देता है.
औली की खूबसूरत ढलानें स्कीइंग के शौकीनों के लिए किसी सपने से कम नहीं हैं. इसकी 5 किलोमीटर लंबी बर्फ से ढकी ढलानें पेशेवरों और शुरुआती लोगों के लिए एकदम सही हैं.
500 मीटर की स्की-लिफ्ट प्रणाली जोशीमठ को औली से थोड़ा ऊपर गोरसन से जोड़ती है, जो इसे भारत की सबसे लंबी केबल कार बनाती है. यहां से स्कीयर ढलान पर स्की कर सकते हैं.
अक्टूबर से मार्च तक का समय औली घूमने के लिए सबसे अच्छा माना जाता है. इस दौरान मौसम शांत और ठंडा रहता है और आस-पास की पर्वत श्रृंखलाओं में बर्फ दिखाई देती है.
अगर आप बर्फ के लिए औली जाना चाहते हैं तो जनवरी के मध्य से मार्च तक का समय सबसे अच्छा है. यह वह समय है जब औली बर्फ की मोटी चादर से ढका होता है और बेहद खूबसूरत दिखता है.
29 जनवरी से दो फरवरी तक औली में विंटर गेम्स का आयोजन होने वाला है. भारतीय ओलंपिक संघ ने इस बार विंटर गेम्स की मेजबानी उत्तराखंड को दे दी है.
औली दिल्ली से ये 500 किलोमीटर की दूरी पर है. औली जाने के लिए आप ये तो पहला आप हरिद्वार जाएं जो कि जहां से ये 285 किलोमीटर दूर है, या फिर आप देहरादून जाएं जहां से 280 किलोमीटर की दूरी पर है.
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