ASI रिपोर्ट में वो 32 अकाट्य सबूत- जिनसे ज्ञानवापी में मंदिर होने पर लगी मुहर! मस्जिद के दावे खोखले साबित हुए
Advertisement
trendingNow0/india/up-uttarakhand/uputtarakhand2079576

ASI रिपोर्ट में वो 32 अकाट्य सबूत- जिनसे ज्ञानवापी में मंदिर होने पर लगी मुहर! मस्जिद के दावे खोखले साबित हुए

Gyanvapi ASI Survey: हिंदू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन ने दावा किया कि रिपोर्ट से पता चला है कि मस्जिद को पहले से मौजूद मंदिर के अवशेषों पर बनाया गया था. उन्होंने कहा कि सर्वे से इससे जुड़े कुल 32 सबूत मिले हैं. 

Gyanvapi ASI Survey Report

Gyanvapi ASI Survey: ज्ञानवापी मामले के लिए गुरुवार का दिन बेहद अहम रहा,  इस दिन एएसआई सर्वे रिपोर्ट सार्वजनिक हो गई. हिंदू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन ने दावा किया कि रिपोर्ट से पता चला है कि मस्जिद को पहले से मौजूद मंदिर के अवशेषों पर बनाया गया था. एएसआई रिपोर्ट का हवाला देकर कहा कि सर्वे से इससे जुड़े कुल 32 सबूत मिले हैं.  उन्होंने कहा कि अब वुजुखाने का सर्वे के लिए भी कोर्ट में अर्जी दी जाएगी. हिंदू पक्ष का दावा है कि वुजूखाना की जगह शिवलिंग मौजूद है. पहले भी इसकी कार्बन डेटिंग की मांग की जा चुकी है.

ASI रिपोर्ट का हवाला देते हुए हिंदू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन ने कहा कि मस्जिद की दीवारों पर कन्नड़, तेलुगू, देवनागरी सहित चार भाषाओं में लिखावट मिली है. साथ ही दीवारों और स्तंभों पर भगवान शिव के तीन नाम जर्नादन, रुद्र और उमेश्वर भी लिखे हैं. इसके साथ ही पश्चिमी दीवार पर भी मंदिर से जुड़े कई साक्ष्य मिले हैं.एएसआई ने 91 दिन का सर्वे किया था, इसके बाद 839 पेज की रिपोर्ट कोर्ट को सौंपी थी. इसके 22 पेज के निष्कर्ष में उल्लेख किया गया है कि मौजूदा ढांचा 2 सितंबर साल 1669 के आसपास का है, इससे पहले यहां प्राचीन मंदिर रहा होगा.इसके बारे में जीपीआर तकनीकी से जांच में पता चला है. 

देखें एएसआई सर्वे की प्रमुख बातें
- हिंदू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन ने बताया कि रिपोर्ट में कई बार इसका उल्लेख किया गया है कि पूर्व में स्थित ढांचा प्राचीन मंदिर का है, इस पर वर्तमान ढांचे का निर्माण किया गया है.
- दीवार पर उभरी हुई आकृतियां हिंदू धर्म से जुड़े प्रतीकों से संबंध रखती हैं.
-  वर्तमान ढांचे की पश्चिमी दीवार प्राचीन मंदिर की है. पश्चिमी दीवार के पत्थर मंदिर में इस्तेमाल किए जाने वाले पत्थर हैं. 
-  कला और वास्तुकला के आधार पर, इस पूर्व-मौजूदा संरचना को एक हिंदू मंदिर के रूप में पहचाना जा सकता है.
-  वास्तुशिल्प अवशेषों, उजागर विशेषताओं और कलाकृतियों, शिलालेखों, कला और मूर्तियों के अध्ययन के आधार पर यहां एक हिंदू मंदिर मौजूद था. 
- यहां  पश्चिमी कक्ष की पूर्वी दीवार पर प्रवेश द्वार, ललाटबिंब, पक्षियों और पक्षियों की विकृत छवि वाला एक छोटा प्रवेश द्वार अंदर और बाहर - सजावट के लिए उकेरे गए जानवरों से पता चलता है कि पश्चिमी दीवार किसी हिंदू मंदिर का बचा हुआ हिस्सा है. 
- कला और वास्तुकला के आधार पर, इस पूर्व-मौजूदा संरचना को एक हिंदू मंदिर के रूप में पहचाना जा सकता है.
- वहां टूटा हुआ पत्थर भी मिला है, जिसमें मंदिर तोड़कर मस्जिद बनाने के औरंगजेब के आदेश का जिक्र है
-वहां एक कुआं मिलने का दावा भी किया गया है, जो हिन्दू मंदिर होने का संकेत देता है
-दीवारों पर मूर्तियां, कलश, नरसिंह और कलश जैसी आकृतियां मिली हैं

Trending news