योगी सरकार अयोध्या में आध्यात्मिक एवं सांस्कृतिक पर्यटन की संभावनाओं को अवसर में तब्दील करने के लिए लगातार प्रयास कर रही है. इसी कड़ी में एयर कनेक्टिविटी से लेकर बुनियादी सुविधाओं का विकास किया जा रहा है.अयोध्या में इसी क्रम में पौराणिक स्थल का विकास किया जा रहा है. पौराणिक कुंडों में सबसे पहले सूर्य कुंड के सौंदर्यीकरण के कार्य को गति दी जा रही है.
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अयोध्या: भगवान श्रीराम की नगरी अयोध्या में तरक्की का पहिया तेजी से घूम रहा है. योगी सरकार इसके लिए लगातार प्रयास कर रही है. श्रीराम जन्मभूमि मंदिर के दिव्य-भव्य रूप में अस्तित्व में आने से पहले ही यहां विकास की कई योजनाओं पूरी हो जाएंगी. इंटरनेशनल एयरपोर्ट, श्रीराम मंदिर कॉरीडोर,प्राचीन कुंडों और सरोवरों के विकास समेत अनेक योजनाओं को अंतिम रूप दिया जा रहा है. इसी क्रम में पौराणिक सूर्य कुंड के सौंदर्यीकरण का कार्य सितंबर महीने तक पूरा होने की उम्मीद है. अयोध्या विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष विशाल सिंह ने बताया कि अयोध्या के आसपास के जितने भी पौराणिक स्थल हैं, उन्हें विकसित किया जा रहा है. पौराणिक कुंडों में सबसे पहले सूर्य कुंड के सौंदर्यीकरण का कार्य हो रहा है. जनवरी 2022 से शुरू हुआ ये कार्य सितंबर 2022 तक पूरा हो जाएगा.
ओपन एयर थियेटर और लेजर शो होगा खास
विशाल सिंह के अनुसार अयोध्या रामनगरी से करीब 4 किलोमीटर दूर पौराणिक सूर्य कुंड परिसर की बाउंड्री वॉल का निर्माण कराया जा रहा है. सूर्य कुंड परिसर में ही भगवान राम के जीवन से जुड़े प्रसंगों को लेजर शो के जरिए दिखाया जाएगा. सूर्य कुंड में होने वाली सारी गतिविधियां शाम के वक्त ही रखी जाएंगी. यहां बच्चों के मनोरंजन के लिए पार्क विकसित किए जा रहे हैं. पार्क में ही झूले लगाए जाएंगे, इसके अलावा परिसर में ओपन एयर थियेटर का भी निर्माण किया जाएगा. साथ ही हवन कुंड नवग्रह वाटिका भी बनायी जाएगी.
कुंड के द्वार का भी होगा सौंदर्यीकरण
सूर्य कुंड के सौंदर्यीकरण कार्य को देख रहे सहायक अभियंता अनिल सिंह के मुताबिक इस कुंड की एक खास बात यह है कि इसके चारों तरफ द्वार बनाये गये हैं. इन द्वारों के सौंदर्यीकरण का कार्य तेजी से चल रहा है. साथ ही घाटों की सफाई भी लगभग पूरी हो चुकी है. प्रदेश सरकार द्वारा इसके लिए 24 करोड़ रुपये का बजट है, जिसमें से 50 लाख रुपये लाइट शो के लिए हैं, और 50 लाख रुपये सूर्य कुंड मंदिर के सौंदर्यीकरण के लिए हैं. बाकी बची राशि से इस कुंड को दिव्य-भव्य रूप देने के लिए कार्य कराया जाएगा.
घोषार्क तीर्थ ही है प्राचीन सूर्यकुंड
अयोध्या का प्राचीन सूर्य कुंड मंदिर जिस स्थान पर है उस जगह पर प्राचीन काल में 'घोषार्क तीर्थ' हुआ करता था. इस बात का प्रमाण डच इतिहासकार हंस बेकर की पुस्तक ''अयोध्य'' से मिलता है. 'घोषार्क तीर्थ' का वर्णन स्कन्द पुराण में भी है. स्कन्द पुराण के अनुसार यह तीर्थ स्थल सभी पापों को नाश करने वाला है. 'घोषार्क तीर्थ' की महिमा सूर्य मंदिर तथा कुंड स्नान के लिए आदि काल से ही प्रसिद्ध रहा है.