Meerut: कभी खेतों में गन्ने फेंक प्रैक्टिस करती थीं अन्नू रानी, CWG 2022 में ब्रॉन्ज मेडल जीत रचा इतिहास
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Meerut: कभी खेतों में गन्ने फेंक प्रैक्टिस करती थीं अन्नू रानी, CWG 2022 में ब्रॉन्ज मेडल जीत रचा इतिहास

Meerut Girl Annu Rani in Commonwealth Games 2022:  मेरठ की बेटी अन्नू रानी ने 7 अगस्त यानी आज भाला फेंक प्रतियोगिता में शानदार प्रदर्शन किया. अन्नू रानी (Annu Rani) ने 60 मीटर भाला फेंककर जैवलिन थ्रो प्रतिस्पर्धा में ब्रॉन्ज मेडल हासिल किया है. 

 

Meerut: कभी खेतों में गन्ने फेंक प्रैक्टिस करती थीं अन्नू रानी, CWG 2022 में ब्रॉन्ज मेडल जीत रचा इतिहास

मेरठ: बर्मिंघम कॉमनवेल्थ गेम्स (Birmingham Commonwealth Games 2022) में भारत का प्रतिनिधित्व कर रही मेरठ की बेटी अन्नू रानी (Annu Rani) ने शानदार प्रदर्शन दिखाते हुए ब्रॉन्ज मेडल हासिल किया है. जैवलिन स्टार नीरज चोपड़ा (Neeraj Chopra) के चोट की वजह से हिस्सा नहीं लेने के बाद अन्नू रानी से पदक की सबसे ज्यादा उम्मीद थी. जिस पर खरा उतरते हुए उन्होंने कांस्य पदक अपने नाम किया है. 

इंडियन क्वीन ऑफ जैवलिन के नाम से हैं मशहूर
बता दें, इंडियन क्वीन ऑफ जैवलिन के नाम से जानी जाने वाली अन्नू रानी ने 63.24 मीटर भाला फेंककर नेशनल रिकॉर्ड के साथ गोल्ड मेडल जीता था. वह महज .77 मीटर से ओलंपिक क्वालिफाई करने से चूक गई थीं. वह अपने ही नेशनल रिकॉर्ड को 7 बार तोड़ चुकी हैं. 

आर्थिक तंगी भी नहीं आई आड़े, हासिल की कई उपलब्धियां
पांच बहन-भाइयों में सबसे छोटी अन्नू रानी के पिता अमरपाल सिंह किसान हैं. अन्नू ने आर्थिक समस्याओं को दरकिनार कर कई उपलब्धियां हासिल की हैं. अपने भाई के सपोर्ट से उन्होंने खेलना शुरू किया. शुरुआती दिनों में भाला फेंक के अलावा वह गोला फेंक और चक्का फेंक की भी प्रैक्टिस किया करती थीं. लेकिन बाद में उन्होंने भाला फेंक को चुना. अन्नू ने 6 से 12वीं तक की पढ़ाई श्री गांधी स्मारक इंटर कॉलेज दबथुआ से की, जिसके बाद गांव के डिग्री कॉलेज से ग्रेजुएशन किया. 

आर्थिक तंगी पर जुनून पड़ा भारी, भाला नहीं मिला तो गन्ने और गेंद फेंक किया अभ्यास
अन्नू ने आर्थिक समस्याओं को कभी अपने खेल के प्रति जुनून के बीच नहीं आने दिया. जब भाला खरीदने में दिक्कत हुई तो बांस, गेंद और गन्ने फेंककर अभ्यास करती थीं. उनके बड़े भाई उपेंद्र भी 5,000 मीटर के धावक हैं, उन्होंने अन्नू को गुरुकुल प्रभात आश्रम पहुंचाया. इसके अलावा उन्होंने कॉमनवेल्थ कांस्य पदक विजेता काशीनाथ नाइक से तकनीकी प्रशिक्षण हासिल किया.

इंडियन क्वीन ऑफ जैवलिन के नाम दर्ज हैं कई खास उपलब्धियां
- 2014 एशियाई गेम्स में 59.53 मीटर भाला फेंककर कांस्य पदक जीता.
- 2014 कामनवेल्थ गेम्स में प्रतिभा किया. 
- 2015 में एशियाई चैंपियनशिप में कांस्य जीता. 
- 2017 में एशियाई चैंपियनशिप में रजत पद जीता.
- वर्ल्ड एथलेटिक्स चैंपियनशिप में फाइनल में जगह पक्की करने वाली पहली भारतीय बनीं.
- नेशनल चैंपियनशिप 2019 में 62.34 मीटर फेंककर रिकॉर्ड बनाया.

 

 

 

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