उत्तर प्रदेश में बीजेपी की नई टीम में जातीय और क्षेत्रीय संतुलन पर खासा जोर है. इसको लेकर काम किया जा रहा है. दरअसल, मिशन 2024 के लिए भारतीय जनता पार्टी देश की आधी आबादी यानी महिलाओं को अपने साथ जोड़ने का हर संभव प्रयास कर रही है.
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लखनऊ: उत्तर प्रदेश में बीजेपी की नई टीम में जातीय और क्षेत्रीय संतुलन पर खासा जोर है. इसको लेकर काम किया जा रहा है. दरअसल, मिशन 2024 के लिए भारतीय जनता पार्टी देश की आधी आबादी यानी महिलाओं को अपने साथ जोड़ने का हर संभव प्रयास कर रही है. वहीं, अगड़े,पिछड़े और दलित वोट बैंक के सहारे बीजेपी यूपी में मिशन 80 का लक्ष्य पाने की रणनीति के तहत काम कर रही है.
आपको बता दें कि महिलाओं को भाजपा से जोड़ने वाले अभियान को कमल मित्र अभियान का नाम दिया गया है. पार्टी के प्रशिक्षित कमल मित्र महिला कार्यकर्ता देश भर में महिलाओं के बीच केंद्र सरकार की विभिन्न योजनाओं और पार्टी की नीतियों को लेकर जाएंगी. खास बात ये है कि ये काम भाजपा महिला मोर्चा करेगा. वह बीजेपी का प्रयास है कि हर लोकसभा क्षेत्र में 1 लाख कमल मित्र तैयार हों.
दरअसल, भारतीय जनता पार्टी आगामी 2024 के आम चुनाव को लेकर की नई टीम में जातीय और क्षेत्रीय संतुलन गाने को लेकर काफी तेजी से काम कर रही है.
अगड़े, पिछड़े और दलित वोट बैंक के सहारे मिशन 80 का लक्ष्य पाने की रणनीति के तहत टीम तैयार की गई है. इसी के तहत टीम बीजेपी में भी महिलाओं को जिम्मेदारी मिली है.
आपको बता दें कि इसी क्रम में 11 महिलाओं को जगह मिली है. वहीं, पुरानी टीम की सभी महिला पदाधिकारियों को नई टीम में जगह दी गई है. इसके अलावा सवर्ण वोटबैंक को साधने के लिए भाजपा ने अपनी टीम में 10 ब्राह्मण, 7 क्षत्रिय चेहरे को भी शामिल किया गया है. वहीं, वैश्य समाज से 4, खत्री, भूमिहार, त्यागी और कायस्थ समाज से एक-एक नेता को टीम में जगह मिली है. पिछड़े वर्ग के वोटबैंक पर भाजपा की सबसे पैनी निगाह, पिछड़े वर्ग के 13 नेता टीम में शामिल किए गए हैं. अनुसूचित जाति से 9 नेताओं को प्रतिनिधित्व का मौका मिला है. इसके अलावा पासी, कोरी, जाटव, सोनकर और धोबी समाज को साधने की कोशिश की गई है. बीजेपी की नई टीम में अवध क्षेत्र को अहम जिम्मेदारी मिली है. इसके लिए टीम में अवध क्षेत्र के 10 नेताओं को भी टीम में मिली दी गई है.
दरअसल, पश्चिमी क्षेत्र से 9, ब्रज क्षेत्र से 8, काशी क्षेत्र से 7, गोरखपुर से 6 और कानपुर-बुंदेलखंड से 5 सदस्यों को शामिल किया गया है. हालांकि इन नामों में मुस्लिम समुदाय का एक भी प्रतिनिधि शामिल नहीं है. क्षेत्रीय अध्यक्षों से भी समीकरण साधने की कोशिश की जा रही है. वहीं, 6 नए क्षेत्रीय अध्यक्षों की नियुक्ति में जातीय समीकरण का ध्यान रखा गया हैं. उमेश पाल हत्याकांड के बाद पाल समाज में असंतोष को दूर किया गया है.
आपको बता दें कि प्रकाश पाल को कानपुर-बुंदेलखंड क्षेत्र का क्षेत्रीय अध्यक्ष बनाया गया है. काशी क्षेत्र में अपना दल (एस) के बढ़ते प्रभाव के मद्देनजर दिलीप पटेल को बनाया गया है. गोरखपुर क्षेत्र के आसपास भूमिहार वोटरों में पैठ मजबूत करने के लिए सहजानंद राय को क्षेत्रीय अध्यक्ष की जिम्मेदारी दी गई है. इसके अलावा अवध क्षेत्र में ब्राह्मण वोटरों साधने के लिए कमलेश मिश्रा को क्षेत्रीय अध्यक्ष बनाया गया है. ब्रज क्षेत्र में शाक्य, सैनी, मौर्य, कुशवाहा समाज वोटबैंक के प्रभाव के मद्देनजर ध्रुवविजय शाक्य को अध्यक्ष बनाया गया है. पश्चिम में ठाकुर समाज के सत्येंद्र सिसोदिया को जिम्मेदारी सौंपी गई है.