Mathura News: महज 26 दिन में दुष्कर्म मामले की सुनवाई पूरी, कोर्ट ने सुनाई फांसी की सजा
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Mathura News: महज 26 दिन में दुष्कर्म मामले की सुनवाई पूरी, कोर्ट ने सुनाई फांसी की सजा

UP Crime News: मथुरा में नाबालिग पीड़िता से बलात्कार मामले में कोर्ट ने फांसी की सजा सुनाई है. 

Mathura News: महज 26 दिन में दुष्कर्म मामले की सुनवाई पूरी, कोर्ट ने सुनाई फांसी की सजा

मथुरा: यूपी के मथुरा में नाबालिग पीड़िता से बलात्कार मामले में कोर्ट ने फांसी की सजा सुनाई है. बलात्कार के बाद हत्या के मामले में अपर सत्र न्यायाधीश और विशेष न्यायाधीश पोक्सो एक्ट विपिन कुमार की अदालत ने आरोप पत्र दाखिल होने के बाद लगातार सुनवाई की. लगातार हुई सुनवाई के बाद 26 दिन के अंदर ही आरोपी पर दोष सिद्ध हो गया. इसके बाद कोर्ट ने आरोपी को फांसी की सजा सुनाई और 45 हजार का अर्थदंड भी लगाया है. इस मामले में सरकार की तरफ से पैरवी कर रही स्पेशल डीजीसी पोक्सो कोर्ट अलका उपमन्यु एडवोकेट ने जानकारी दी. आइए बताते हैं पूरा मामला.

एडवोकेट अलका उपमन्यु ने दी जानकारी
इस मामले में एडवोकेट अलका उपमन्यु ने बताया कि पीड़िता कि मां ने थाना जैंत पर मामला दर्ज कराया था. जानकारी के मुताबिक 13 अक्तूबर 2022 की शाम जैंत के एक गांव निवासी व्यक्ति 10 साल की बच्ची को घुमाने के बहाने घर के बाहर ले गया. उसने बच्ची के साथ दुष्कर्म के बाद हत्या कर शव को पीएमबी पॉलीटेक्निक कॉलेज के जंगल में फेंक दिया. पुलिस ने शव को बरामद किया था. पुलिस ने पीड़िता की मां की तहरीर पोक्सो एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया था.

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मथुरा वृंदावन रोड पॉलिटेक्निक के पास हुई थी घटना
आपको बता दें कि इस मामले में 14 नवंबर को पुलिस ने आरोपी के खिलाफ आरोप पत्र कोर्ट में दाखिल किया था. इस मामले की सुनवाई अपर सत्र न्यायाधीश और विशेष न्यायाधीश पॉक्सो एक्ट विपिन कुमार की अदालत में हुई. कोर्ट ने मुकदमे में हुई गवाही और साक्ष्यों के आधार पर अभियुक्त को दोषी पाया. दोष सिद्ध होने के बाद शुक्रवार को अभियुक्त को न्यायालय ने धारा 302 भारतीय दण्ड संहिता के अन्तर्गत मृत्युदण्ड की सजा दी है.

नाबालिग की रेप के बाद हत्या के मामले में आरोपी को फांसी की सजा
कोर्ट ने आदेश में कहा कि अभियुक्त सतीश को फांसी के फंदे पर तब तक लटकाया जाए जब तक की उसकी मृत्यु ना हो जाए, लेकिन उक्त दण्डादेश तब तक निष्पादित नहीं किया जा सकेगा, जब तक कि माननीय उच्च न्यायालय इलाहाबाद द्वारा पुष्टि ना कर दी जाए. इसके अलावा अभियुक्त सतीश को धारा-363 भारतीय दण्ड संहिता के अन्तर्गत दण्डनीय अपराध के आरोप में 5 साल के कठोर कारावास और पांच हजार रूपये का अर्थदण्ड लगाया है. अर्थदण्ड अदा ना करने पर अभियुक्त 3 माह का अतिरिक्त कारावास भी भुगतेगा.

इसके अलावा अभियुक्त सतीश को भारतीय दण्ड संहिता की धारा 1-376 ए. बी. के अन्तर्गत आरोप में आजीवन कारावास बीस हजार रूपये के अर्थदण्ड से दण्डित किया गया है. अर्थदण्ड अदा न करने पर अभियुक्त 6 माह का अतिरिक्त कारावास भोगेगा. अधिवक्ता अल्का उपमन्यु ने बताया कि सभी सजाएं साथ-साथ चलेंगी. अभियुक्त न्यायिक अभिरक्षा में है. इस निर्णय की प्रति माननीय उच्च न्यायालय इलाहाबाद को मृत्युदण्ड की पुष्टि हेतु भेजी जाएगी. अभियुक्त के द्वारा अदा किए जाने वाले अर्थदण्ड में से 80 प्रतिशत धनराशि मृतका के माता-पिता को देय होगी.

आपको बता दें कि वादी की तरफ से सरकारी अधिवक्ता स्पेशल डीजीसी पोक्सो कोर्ट अल्का उपमन्यु के अलावा पूर्व एडीजीसी वीरेंद्र लवानिया व अधिवक्ता अनवर हुसैन मौजूद रहे. वहीं, अभियुक्त की तरफ से अधिवक्ता योगेश तिवारी ने पैरवी की. पीड़िता की मां ने कहा कि इतनी जल्दी जो हमें न्याय मिला है, उसके लिए हम सभी का आभार प्रकट करते हैं. हमें भारत की न्याय प्रणाली पर पूरा भरोसा है. वहीं, अभियुक्त के वकील योगेश तिवारी ने कहा कि अभियुक्त ने अपना जुर्म कबूल कर लिया था. इसलिए यह सजा हुई है.

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