छठ पूजा पर डूबते सूर्य को कितने बजे दें अर्घ्य, जानें गोरखपुर-बनारस से लेकर आपके शहर में सूर्यास्त का सही समय
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छठ पूजा पर डूबते सूर्य को कितने बजे दें अर्घ्य, जानें गोरखपुर-बनारस से लेकर आपके शहर में सूर्यास्त का सही समय

Chhath Puja 2024: कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को डूबते सूर्य देव को अर्घ्य दिया जाता है, जबकि कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को उगते सूर्य देव को अर्घ्य दिया जाता है. उगते सूर्य देव को अर्घ्य देने के साथ ही छठ पूजा का समापन होता है.

Chhath Puja 2024

Chhath Puja 2024 Paran Ka Samay: हिन्दू धर्म में हर साल कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को छठ पर्व की शुरुआत होती है और फिर से चार दिनों तक बड़े धूमधाम से मनाया जाता है. इसकी शुरुआत नहाय-खाय से होती है और भगवान सूर्य को संध्या के समय अर्घ्य दिया जाता है. चौथे दिन सूर्य को अर्घ्य देकर छठ पूजा का पारण किया जाता है. व्रत का पारण सभी नियमों का पालन करने के बाद किया जाता है. यह एक बहुत ही पवित्र समय होता है जब व्रती सूर्य देव और छठी मैया का आशीर्वाद लेते हैं. आइए जानते हैं छठ महापर्व के आखिरी दिन व्रत का पारण कैसे करें.

संध्याकाल अर्घ्य
7 नवंबर को छठ पूजा के तीसरे दिन संध्याकाल अर्घ्य का दिन है. इस दिन व्रत में रहकर शाम में व्रती डूबते सूर्य को अर्घ्य अर्पित करेंगी. इसके बाद अगले दिन प्रातःकालीन अर्घ्य का दिन होता है. चौथे दिन सुबह उठकर व्रती उगते सूर्य नारायण को अर्घ्य देंगी और फिर पारण करेंगी. इसके साथ ही चार दिवसीय यह महापर्व संपन्न होगा. 

8 नवंबर सुबह अर्घ्य का शुभ मुहूर्त
वैदिक पंचांग के अनुसार, 08 नवंबर को सुबह का अर्घ्य दिया जाएगा, जब सूर्य उग रहे होंगे. शुक्रवार के दिन उगते सूर्य को अर्घ्य देने के साथ ही छठ महापर्व का समापन हो जाएगा. 

छठ व्रत का पारण कैसे करें
इसी दिन पारण किया जाता है और ऐसा कहा जाता है कि इसके बिना इस पूरे पर्व का फल नहीं मिलता है. छठ के व्रत का पारण करने से पहले सूर्योदय से पहले का स्नान करके साफ कपड़े पहनें. इसके बाद सूर्योदय से पहले ही पारण के लिए प्रसाद तैयार कर लें.  प्रसाद में ठेकुआ, फल, दूध आदि चीजें शामिल की जाती हैं. छठी मैया और भगवान सूर्यदेव की उपासना करें और उगते सूर्य को अर्घ्य दें. 

घाट पर पूजन करने के बाद अपने घर के बड़े बुजुर्गों से आशीर्वाद लें. सूर्य को अर्घ्य देने के बाद पहले प्रसाद को बाकी लोगों में बांटे इसके बाद ही खुद ग्रहण करें.  छठी माता को आप जो प्रसाद भेट करें फिर उस प्रसाद को सभी लोगों को बांटें. व्रत का पारण के लिए आपको पूजा के दौरान चढ़ाए गए प्रसाद जैसे ठेकुआ मिठाई आदि से ही व्रत का पारण करना चाहिए. व्रत का पारण करते समय शुद्धता का विशेष रूप से ख्याल रखें.  इस दिन सूर्य को अर्घ्य देने के बाद जरुरतमंद लोगों को दान जरूर दें. 

Disclaimer: यहां दी गई सभी जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. Zeeupuk इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.

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