Advertisement
trendingPhotos/india/up-uttarakhand/uputtarakhand2504534
photoDetails0hindi

Chhath Puja 2024: सूर्य देव को पानी में खड़े होकर ही क्यों दिया जाता है अर्घ्य? छठ पर्व की इस परंपरा के पीछे है बड़ा रहस्य

What is the importance of Surya Dev Arghya- छठ पूजा में व्रती नदी या तालाब में कमर तक पानी में खड़े होकर ही सूर्य नारायण को अर्घ्य क्यों देते हैं, आइए इस बारे में विस्तार से जानते हैं.

महिलाएं 36 घंटे

1/10
महिलाएं 36 घंटे

महिलाएं 36 घंटे तक इस दौरान निर्जला व्रत रखती हैं. छठ पर्व का व्रत बहुत कठिन होता है. इस पर्व में सूर्य और छठी मईया की उपासना का बहुत महत्व है.

सूर्य को अर्घ्य

2/10
सूर्य को अर्घ्य

इस पर्व में सूर्य को अर्घ्य देते समय कमर तक पानी में खड़ा होना पड़ता है. लेकिन क्या आपको पता है कि ऐसा क्यों क्या जाता है. क्यों व्रती कमर तक पानी में क्यों खड़े होते हैं और अर्घ्य देते हैं. आइए इस बारे में जानते हैं.

श्री हरि जल

3/10
श्री हरि जल

छठ पर्व पर सूर्य देव को कमर तक पानी में खड़े होकर अर्घ्य देने से जुड़ी कई मान्यताएं हैं. एक मान्यता ये है कि यहां पर कार्तिक मास के दौरान श्री हरि जल में ही निवास कर रहे होते हैं और सूर्य ग्रहों के देवता है. 

अर्घ्य

4/10
अर्घ्य

ऐसे में नदी या तालाब में कमर तक पानी में खड़े होकर अर्घ्य दिया जाए तो भगवान विष्णु और सूर्य देवता की साथ साथ पूजा हो जाती है.

पवित्र नदी में प्रवेश

5/10
पवित्र नदी में प्रवेश

एक यह भी मान्यता ऐसी भी है कि पवित्र नदी में प्रवेश करने से व्यक्ति के सभी पाप नष्ट हो जाते हैं. शुभ फल की प्राप्ति होती है. 

छठी माता सूर्य देव

6/10
छठी माता सूर्य देव

इसके अलावा शास्त्रों के अनुसार छठी माता सूर्य देव की मानस बहन हैं. सब कोई भी साधक छठी मइया की पूजा पूरे मन से रता है तो सूर्य भगवान अति प्रसन्न हो जाते हैं.

महाभारत

7/10
महाभारत

धार्मिक मान्यता है कि छठ पर्व में सूर्य देव को अर्घ्य देने का महत्व महाभारत के समय से संबंधित है. दरअसल, सूर्य देव के दिए एक वरदान से ही माता कुंती के गर्भ से कर्ण का जन्म हुआ जिसे कुंती ने नदी में प्रवाहित कर दिया. इस तरह कर्ण सूर्यपुत्र कहलाए. कर्ण सूर्य भगवान को अर्घ्य देते रहे थे. 

सूर्यदेव के तेज और कृपा

8/10
सूर्यदेव के तेज और कृपा

सूर्यदेव के तेज और कृपा से ही कर्ण एक महान योद्धा बने थे. मान्यता है कि छठ पर्व की शुरुआत कर्ण ने ही सबसे पहले की थी. सूर्य देवता की पूजा की थी और हर दिन घंटों कमर तक पानी में खड़े होकर सूर्य देव की पूजा करते थे. 

छठ पर्व बड़े ही धूमधाम से

9/10
छठ पर्व बड़े ही धूमधाम से

इस बार भी छठ पर्व बड़े ही धूमधाम से मनाया जा रहा है. आज पहली अर्घ्य देने के बाद लोग उदय होते सूर्य को दूसरे दिन अर्घ्य देंगे. इसके लिए सुबह सुबह ही घर से निकल जाएंगे.

डिस्क्लेमर

10/10
डिस्क्लेमर

Disclaimer: यहां दी गई सभी जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. Zeeupuk इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.