Hapur mob lynching case: 2018 में हापुड़ में क्या हुआ था? "शक" में भीड़ ने कर दी थी कासिम की हत्या
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Hapur mob lynching case: 2018 में हापुड़ में क्या हुआ था? "शक" में भीड़ ने कर दी थी कासिम की हत्या

Hapur mob lynching case: हापुड़ के पिलखुवा थानाक्षेत्र में आने वाले बझैड़ा कला गांव में गोकशी की खबर फैली थी. सूचना मिलते ही गांव में कुछ लोगों ने मोहम्मद कासिम और उसके भाई की जमकर पिटाई की  थी. इस घटना में कासिम की मौत हो गई थी.

Hapur mob lynching case

Hapur mob lynching case: कोर्ट ने बेहद चर्चित बझेड़ा खुर्द मामले में मॉब लिचिंग मामले में मंगलवार को निर्णय सुनाते हुए 10 लोगों का आजीवन कारावास की सजा सुनाई. भीड़ के हमले में मदापुर निवासी कासिम की मौत हो गई थी. जबकि एक व्यक्ति गंभीर रूप से घायल हो गया था. सजा के साथ कोर्ट ने दोषियों पर 59-59 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है. आइए हापुड़ मॉब लिंचिग की घटना इतनी सुर्खियों में क्यों है.

2018: हापुड़ में हुआ क्या था? 
यूपी में हापुड़ में साल 2018 की 16 जून को मॉब लिंचिंग की घटना घटी. कासिम निवासी शद्दीकपुरा थाना पिलखुवा किसी काम से अपने भाई के साथ बाइक पर सवार होकर अपने घर से गांव बझेड़ा खुर्द होते हुए धौलाना जा रहे थे. गांव बझेड़ा के पास उनकी किसी अन्य बाइक सवार से टकरा गई. इस घटना के बाद दूसरे पक्ष के लोगों ने अपने गांव के अन्य लोगों को मौक पर बुलाया. दोनों को कथित तौर पर गाय की हत्या का आरोप लगाकर जमकर पीटा गया था, इसका भी एक वीडियो वायरल हुआ था. इस घटना में 45 साल के कासिम की मौत हो गई थी. वहीं, उसका भाई  समयद्दीन गंभीर रूप से घायल हो गया था. 

वीडियो हुआ था वायरल
दोनों को कथित तौर पर गाय की हत्या का आरोप लगाकर जमकर पीटा गया था, इसका भी एक वीडियो वायरल हुआ. कुछ ऐसी तस्वीरें वायरल हुईं जिसमें कथित तौर पर पुलिस अधिकारियों की मौजूदगी में पीड़ित को जमीन पर घसीटते हुए दिखाया गया था. इसके बाद यूपी पुलिस ने एक्स पर ट्वीट कर माफी मांगते हुए लिखा था कि,"हापुड़ की घटना के लिए हमें खेद है और जांच की जाएगी. इसमें शामिल पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी गई है. मामला गर्माने के बाद यूपी पुलिस ने ट्विटर पर माफी मांगी थी.  तीनों पुलिसकर्मियों को लाइनहाजिर कर दिया गया.

सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर
पीड़ित समीउद्दीन ने फिर 2018 में सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर उचित जांच की मांग की थी. 2018 में, सुप्रीम कोर्ट ने मेरठ रेंज के पुलिस महानिरीक्षक को मॉब लिंचिंग और हेट क्राइम से संबंधित तहसीन पूनावाला फैसले में जारी दिशा निर्देशों का पालन करते हुए जांच की निगरानी करने का निर्देश दिया था.

इन आरोपियों को सजा
एडीजीसी विजय चौहान ने बताया कि कोर्ट ने जिन 10 आरोपितों के खिलााफ आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. उसमें युधिष्ठिर पुत्र शिवदयाल, राकेश पुत्र जगदीश, कालू उर्फ कप्तान पुत्र भोपाल सिंह, सोनू पुत्र सुरेश,  हरिओम पुत्र चंद्रपाल सिंह, मनीष पुत्र वीरेंद्र,मांगेराम पुत्र प्रेमपाल, रिंकू पुत्र सुखवीर, ललित पुत्र गोपी, करणपाल पुत्र गजराज सिंह शामिल हैं. सभी बझेड़ा गांव के रहने वाले हैं. 

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