लखनऊ की घनी आबादी में घुसा टाइगर, हरदोई रोड पर किया नया शिकार, इलाके में कर्फ्यू जैसा सन्नाटा
Advertisement
trendingNow0/india/up-uttarakhand/uputtarakhand2579262

लखनऊ की घनी आबादी में घुसा टाइगर, हरदोई रोड पर किया नया शिकार, इलाके में कर्फ्यू जैसा सन्नाटा

Lucknow News: लखनऊ की तरफ बढ़ रहे बाघ को लेकर खबर है कि वह हरदोई रोड तक आ पहुंचा है. ढाई किमी दूर उसने गाय का किया शिकार, अब उस इलाके के लोगों में दहशत का माहौल है.

LUCKNOW TIGER ROARING IN VILLAGE

लखनऊ: लखनऊ में बाघ की दशहत दिनोंदिन बढ़ती जा रही है. जंगल से निकलकर जब से  बाघ के आबादी वाले इलाके में घूसने की खबर है तब से उस पूरे क्षेत्र में दहशत का माहौल है. बीते दिन शनिवार को बाघ हरदोई रोड के करीब आ पहुंचा. शहर से इसकी दूरी सिर्फ 10 किलोमीटर है. इस इलाके से ढाई किमी दूर रहमानखेड़ा क्षेत्र के बुधड़ियां गांव के बाग में उसने गाय को शिकार बनाया और उसका पिछला भाग खा गया. हालांकि, वन विभाग की लापरवाही व टीम की हलचल, इसके अलावा गाड़ियों के शोरगुल से वो भाग निकला था.

जगह जगह पर कैमरा और जाल 
बाघ को लेकर वन विभाग की टीम ने अपनी जांच की. विभाग की टीम के मुताबिक बाघ ने गाय के गर्दन पर हमला कर उसका शिकार किया, इस तरह के चिह्न मिले हैं कि उसनें करीब 100 मीटर तक गाय तक दौड़ाकर मारा है. मीठे नगर गांव जाने वाले खड़ंजे की ओर जंगली सुअर को बाघ ने अपना शिकार बनाया. बाघ का पता लगाया जा सके इसके लिए शिकार वाले जगह पर कैमरा लगाया गया है. साथ ही उसे धरदबोचने के लिए पिंजड़ा भी लगाया गया है.

बाघ को पकड़ने की जुगत 
बताया जा रहा है कि बुधड़िया गांव में शिकार की जगह पर वन विभाग की टीम विशेषज्ञ डॉक्टरों के साथ तैनात की गई है. रात में करीब 1 बजे के बाद बाघ ने आधे घण्टे तक गाय को खाया, इस दौरान टीम बाघ को ट्रेंकुलाइज करने की कोशिश में थी लेकिन कर नहीं पाई, वाहनों की आवाज सुनकर बाघ भाग निकला. ऐसा जानकारी मिल रही है कि टीम को अंदेशा है कि बाघ फिर से शिकार खाने के लिए आएगा. रेंज में आते ही उसे ट्रेंकुलाइज कर पकड़ा जाएगा. बाघ ने पिछले 27 दिन में 5 शिकार कर दोबारा शिकार को खाने के लिए पहुचा.

व्यापार का  नुकसान
बाघ की दहशत को देखते हुए ग्रामीणों को सतर्क रहने के लिए कहा गया है. वन अधिकारी लगातार ग्राम पंचायतों में ग्राम प्रधानों के साथ बैठक कर रहे हैं और अलर्ट रहने के लिए कहा है. पालतू जानवरों को शाम होते ही बाहर रखने के बजाय घरों में बांधने की सलाह दी गई है. वहीं, रसुलपुर और बुधड़िया गांव के ग्रामीण बाघ के बढ़ते हमलों से डर के साये में जीने को मजबूर हैं. ग्रामीणों का शिकार वाली जगह से गुजरने वाले रास्ते में आना-जाना रहा है लेकिन अब बाघ के डर ग्रमीण घर जल्दी आ जाते हैं. जिससे उनके व्यापार का भी नुकसान हो रहा है.

Trending news