Mahakumbh Mela 2025: यूपी में शाही स्नान के छह दिन होंगी छुट्टियां! जानें मकर संक्रांति-बसंत पंचमी से मौनी अमावस्या तक पूरा हॉलीडे कैलेंडर
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Mahakumbh Mela 2025: यूपी में शाही स्नान के छह दिन होंगी छुट्टियां! जानें मकर संक्रांति-बसंत पंचमी से मौनी अमावस्या तक पूरा हॉलीडे कैलेंडर

Public Holiday on Shahi Snan Dates: महाकुंभ का आयोजन 13 जनवरी  से प्रयागराज में हैं. महाकुंभ 2025 में छह शाही स्नान  होंगे और इस दौरान लाखों लोगों की भीड़ भी होगी. संगमनगरी में इतना बड़ा आयोजन है तो ये तो जानना चाहेंगे कि क्या उस समय वहां के स्थानीय स्कूल-कॉलेज और ऑफिस में छुट्टी होगी या नहीं..आइए जानते हैं.

Mahakumbh 2025

Kumbh 2025 Snan Tithi: उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में 13 जनवरी से महाकुंभ मेला 2025 का आगाज होने जा रहा है.  महाकुंभ 2025 को लेकर प्रयागराज में साधु-संतों और अखाड़ों का संगम तट पर आना लगातार जारी है.  साथ ही, बड़ी संख्या में श्रद्धालु कल्पवास के लिए पहुंच रहे हैं. इसका आयोजन इतना विशाल होगा कि संगम तट पर विश्व का सबसे बड़ा अस्थायी शहर बस रहा है. महाकुंभ 2025 में छह शाही स्नान  होंगे. इन शाही स्नानों के समय प्रयागराज में भीड़ की सख्या बहुत होगी. क्या आपको पता है कि शाही स्नानों की तारीखों पर स्कूलों की छुट्टी रहेगी या नहीं. जाहिर है इतना बड़ा आयोजन है तो स्थानीय प्रशासन और सरकार कुछ ऐलान करे. आइए जानते हैं कब-कब छुट्टी रहेगी.

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कब है कब हैं शाही स्नान
वैसे तो कुंभ के दौरान हर दिन स्नान करना बहुत शुभ माना जाता है. कुंभ मेले के दौरान त्रिवेणी संगम में डुबकी लगाना सनातन धर्म में अति पवित्र माना गया है. लेकिन, इस एक महीने में भी कुछ खास तारीखें ऐसी हैं, जिन्हें शाही स्नान की तिथि माना जाता है. 

पहला शाही स्नान 13 जनवरी को पौष पूर्णिमा (सोमवार)
पंचांग के अनुसार, महाकुंभ का पहला शाही स्नान 13 जनवरी 2025 को पौष पूर्णिमा के दिन होगा. पौष पूर्णिमा की शुरुआत 13 जनवरी 2025 को सुबह 5 बजकर 03 मिनट पर और इस तिथि का समापन 14 जनवरी को रात 3 बजकर 56 मिनट पर होगा.बात करेंइस दिन ब्रह्म मुहूर्त की तो ये सुबह 5 बजकर 27 मिनट से 6 बजकर 21 मिनट तक है. इसी दिन विजय मुहूर्त दोपहर 2 बजकर 15 मिनट से 2 बजकर 57 मिनट तक है. गोधूलि मुहूर्त शाम 5 बजकर 42 मिनट से 6 बजकर 09 मिनट तक रहेगा. निशिता मुहूर्त रात 12 बजकर 03 मिनट से 12 बजकर 57 मिनट तक रहेगा. महाकुंभ का पहला दिन होने के चलते स्थानीय प्रशासन बच्चों की सुरक्षा को देखते हुए छुट्टी का ऐलान कर सकते हैं.

दूसरा शाही स्नान-14 जनवरी 2025, मंगलवार (मकर संक्रांति) (अवकाश)
 महाकुंभ पौष पूर्णिमा पर पहले शाही स्नान के बाद 13 जनवरी को दूसरा शाही या अमृत स्नान 14 जनवरी को मकर संक्रांति के दिन होगा. मकर संक्रांति पर स्नान-दान और व्रत का बड़ा पुण्य लाभ है. मकर संक्रांति के दिन सूर्य देव मकर राशि में प्रवेश करते हैं और उत्तरायण शुरू होता है. मकर संक्रांति गंगा स्नान से मोक्ष मिलता है.मकर संक्रांति पर सार्वजनिक अवकाश होता है. ऐसे में ऑफिस, स्कूल और कॉलेज की छुट्टी रहेगी. 

तीसरा शाही स्नान-29 जनवरी 2025, बुधवार (मौनी अमावस्या)
मौनी अमावस्या 29 जनवरी, बुधवार को मनाई जाएगी. अमावस्या तिथि 28 जनवरी 2025 को शाम 07 बजकर 35 मिनट पर प्रारंभ होगी. मकर संक्रांति के अगले दिन भी प्रयागराज में भारी भीड़ को देखते हुए छुट्टी हो सकती है.

चौथा शाही स्नान-3 फरवरी 2025, सोमवार (बसंत पंचमी) (अवकाश)
तिथि-पंचमी तिथि- 2 फ़रवरी, 2025 को सुबह 9:14 बजे से शुरू होकर 3 फ़रवरी, 2025 को सुबह 6:52 बजे तक होगा. सरस्वती पूजा मुहूर्त-2 फ़रवरी, 2025 को सुबह 9:14 बजे से दोपहर 12:12 बजे तक है. मध्याह्न का क्षण-2 फ़रवरी, 2025 को दोपहर 12:12 बजे तक. इतने बड़े आयोजन होने पर स्कूल प्रशासन अवकाश घोषित कर सकता है. बसंत पंचंमी पब्लिक हॉलिडे होता है. 

पांचवा शाही स्नान-12 फरवरी 2025, बुधवार (माघी पूर्णिमा)
महाकुंभ में चौथा शाही स्नान-12 फरवरी 2025, बुधवार (माघी पूर्णिमा) को है. 

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छठा शाही स्नान-26 फरवरी 2025, बुधवार (महाशिवरात्रि) -अवकाश
महाकुंभ 2025 में पांचवां शाही स्नान 26 फ़रवरी, बुधवार को महाशिवरात्रि के दिन होगा. चतुर्दशी तिथि 26 फ़रवरी को सुबह 11:08 बजे से शुरू होकर 27 फ़रवरी को सुबह 8:54 बजे खत्म होगी. महाशिवरात्रि पर ज्यादातर जगहों पर छुट्टी होती है. इसलिए इस दिन प्रयागराज में स्कूलों की छुट्टी हो सकती है. प्रशासन शाही स्नानों पर छुट्टी का कैलेंडर जारी कर सकते हैं.

क्या है शाही स्नान का महत्व?
ज्योतिषाचार्य बताते हैं कि शाहीस्नान सिर्फ कुंभ में ही होता है. कुंभ मेले के दौरान, जो भी शाही स्नान करता है, उसे जन्म मृत्यु के चक्र से मुक्ति मिल जाती है.  साथ ही कई जन्मों के पाप मिट जाते हैं. शाही स्नान ज्यादातर साधु-संत करते हैं. साधु संतों के शाही स्नान के बाद तीर्थंयात्री भी शाहीस्नान कर सकते हैं. हालांकि शाहीस्नान की कुछ प्रमुख तिथियां होती हैं. 

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