महाकुंभ 2025 के लिए संगम क्षेत्र में 12 किलोमीटर के क्षेत्रफल में स्नान के लिए घाटों का निर्माण हो चुका है. सभी घाटों पर लाइटिंग की व्यवस्था, पुआल, कांसा और बोरों में मिट्टी भरकर सीढ़ियां तैयार हो रहीं हैं.
महाकुंभ के दौरान संगम तट पर गंगा और यमुना के किनारे सात पक्के घाट बनाए गए हैं, जो स्नानार्थियों और श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए तैयार किए हुए हैं
सुरक्षा के लिए वॉच टावर, हाई मास्ट लाइट और नाव पर लाइसेंस नंबर प्रदर्शित किए गए हैं.
110 मीटर लंबा और 95 मीटर चौड़ा यह घाट सिटिंग प्लाजा, चेंजिंग केबिन, पार्किंग, यज्ञशाला, आरती स्थल और मेडिटेशन सेंटर जैसी सुविधाओं से सुसज्जित होगा.
संगम के पास स्थित किला घाट 60 मीटर लंबा और 70 मीटर चौड़ा होगा. यह स्नानार्थियों की भारी भीड़ को संभालने के लिए तैयार किया जा रहा है.
सरस्वती घाट को 30 मीटर लंबा और 60 मीटर चौड़ा किया गया है. यह घाट स्नान और अन्य गतिविधियों के लिए उपयोगी होगा.
30 मीटर लंबा और 60 मीटर चौड़ा, यह घाट यमुना नदी के किनारे स्थित है और यहां पर श्रद्धालुओं की संख्या अधिक रहती है, जो स्नान के लिए आते हैं.
30 मीटर लंबा और 60 मीटर चौड़ा, यह घाट गंगा नदी के किनारे स्थित है और यहां अंत्येष्टि स्थल के पास यह घाट मुख्य रूप से श्मशान घाट के रूप में उपयोग होता है.
गंगा के बाएं किनारे पर स्थित, यह घाट 30 मीटर लंबा और 60 मीटर चौड़ा होगा, जहां भक्तों के लिए विशेष स्नान व्यवस्था होगी. यह घाट हर साल बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं को आकर्षित करता है.
भैरव मंदिर के समीप स्थित इस घाट की लंबाई 30 मीटर और चौड़ाई 60 मीटर होगी. यह घाट मुख्य रूप से यमुनाजी के तट पर पूजा और स्नान के लिए प्रसिद्ध है.
सभी घाटों पर महिलाओं और लड़कियों के लिए अलग से चेंजिंग रूम बनाए गए हैं, ताकि वे आसानी से स्नान करने आ सकें और पूरी सुरक्षा के साथ उनका ध्यान रखा जा सके.
हर घाट पर अलग-अलग प्रतीक चिन्ह (डमरु, त्रिशूल आदि) लगाए जा रहे हैं, ताकि लोगों को घाटों की पहचान में आसानी हो और हर घाट का विशिष्ट महत्व समझ में आ सके.
संगम पर निगरानी के लिए वॉच टावर लगाए जा रहे हैं. सभी घाटों पर जल बैरिकेडिंग की व्यवस्था की जा रही है, ताकि सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके और श्रद्धालु सुरक्षित रूप से स्नान कर सकें.
सभी नावों की टेस्टिंग की जा रही है. उनकी क्षमता और लाइसेंस नंबर स्पष्ट रूप से प्रदर्शित किए जाएंगे, ताकि कोई भी नाव बिना उचित प्रमाण के न चल सके.
सुरक्षित स्नान के लिए जल पुलिस को पूरी तरह सतर्क रखा गया है. यह सुनिश्चित किया जाएगा कि पानी में कोई भी अप्रत्याशित घटना न हो और श्रद्धालुओं की सुरक्षा बरकरार रहे.
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