Kumbh Mela 2025: प्रयागराज में आयोजित कुंभ मेले को लेकर श्री पंचायती अखाड़ा (बड़ा उदासीन) के मुखिया श्री दुर्गादास जी ने तारीफ की है. उन्होंने कहा कि महाकुंभ 2025 के जरिए प्रयागराज को संपूर्ण विश्व की धरोहर में अंकित कर दिया है. ऐसा मेला विश्व में कहीं नहीं लगता है. इस दौरान उन्होंने कहा कि यह सभी को एकत्र करने वाला मेला है.
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Kumbh Mela 2025: प्रयागराज में आयोजित कुंभ मेले को लेकर श्री पंचायती अखाड़ा (बड़ा उदासीन) के मुखिया श्री दुर्गादास जी ने तारीफ की है. उन्होंने कहा कि महाकुंभ 2025 के जरिए प्रयागराज को संपूर्ण विश्व की धरोहर में अंकित कर दिया है. ऐसा मेला विश्व में कहीं नहीं लगता है. इस दौरान उन्होंने कहा कि यह सभी को एकत्र करने वाला मेला है.
श्री पंचायती अखाड़ा (बड़ा उदासीन) के मुखिया ने क्या कहा
श्री पंचायती अखाड़ा (बड़ा उदासीन) के मुखिया श्री दुर्गादास जी ने कहा, ''महाकुम्भ 2025, प्रयागराज को संपूर्ण विश्व की धरोहर में अंकित किया गया है, ऐसा मेला विश्व में कहीं नहीं लगता है. यह मेला संपूर्ण भारत को एकत्र करने वाला मेला है. यहां समस्त भारतवासी सभी भेद-भाव भूलकर एकत्रित होते हैं और विश्व बधुत्व का संदेश देते हैं.''
वीडियो संदेश मे क्या कहा?
वीडियो संदेश के माध्यम से उन्होंने कहा, ''यह मेला सभी दिशाओं उत्तर, दक्षिण, पूरब और पश्चिम के लोगों को एकत्र करने वाला मेला है. इस मेले में सभी लोग भाईचारा निभाते हुए यहां जमा होते हैं और आपस में विश्व बंधुत्व का संदेश देते हैं. इसकी परंपरा हजारों वर्षों से चली आ रही है. इस मेले की भव्यता को आध्यात्म के रुप में लाया जाए जिससे कि विश्व के लोगों का इस मेले के प्रति झुकाव बढ़े.''
स्वामी चिन्मयानंद बापू कर चुके हैं तारीफ
बता दें कि इससे पहले स्वामी चिन्मयानंद बापू ने इस मेला और मेला प्रशासन की तारीफ की थी. उन्होंने कहा कि महाकुंभ की व्यवस्थाएं सराहनीय है. उन्होंने कहा था कि मैंने कई कुम्भ मेला देखे हैं, लेकिन इस महाकुम्भ की व्यवस्थाएं वास्तव में अत्यधिक सराहनीय हैं. मेले में साफ-सफाई, संतों के रहने की व्यवस्था और सस्ते अनाज की उपलब्धता जैसी सभी प्रबंधों में सरकार और प्रशासन ने प्रशंसनीय कार्य किया है.
26 फरवरी तक चलेगा मेला
बता दें कि यह मेला 13 जनवरी से शुरू हुआ है जो कि 26 फरवरी तक चलेगा. इस दौरान भारी संख्या में श्रद्धालु प्रयागराज पहुंच रहे हैं. श्रद्धालुओं की संख्या को देखते हुए मेला प्रशासन की ओर से कई तरह के बंदोबस्त किए गए हैं. मेला प्रशासन की कोशिश है कि श्रद्धालुओं को किसी भी तरह की कोई दिक्कत न हो.
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