कैसे बनता है नया जिला, 500 से 2000 करोड़ का खर्च, महाकुंभ जनपद बनते ही क्या बदलेगा
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कैसे बनता है नया जिला, 500 से 2000 करोड़ का खर्च, महाकुंभ जनपद बनते ही क्या बदलेगा

 UP New District: यूपी के जिलों की संख्या अब बढ़ गई है. प्रयागराज में इस बार तो महाकुंभ का आयोजन हो रहा है और ऐसे समय में अब सूबे में एक अतिरिक्त जिला शामिल हो गया है. आइए जानते हैं कि जिला कैसे बनता है. जानते हैं पूरी प्रक्रिया.

 UP New District

UP New District: यूपी के जिलों की संख्या अब बढ़ गई है. प्रयागराज (Prayagraj) में इस बार तो महाकुंभ का आयोजन हो रहा है और ऐसे समय में अब सूबे में एक अतिरिक्त जिला शामिल हो गया है. आइए जानते हैं कि जिला कैसे बनता है. UP New District: प्रयागराज महाकुंभ के आयोजन के लिए मेला क्षेत्र को नया जिला घोषित किया गया है. यूपी को 4 महीने के लिए नया जिला मिला है. नए जिले का नाम महाकुंभ मेला रखा गया है. 4 तहसील और 67 गांव शामिल कर नाम रखा गया है 'महाकुंभ मेला' क्या आप जानते हैं कि अस्थायी जिले भी बनाए जा सकते हैं. प्रयागराज महाकुंभ के लिए अस्थायी जिला बनाया गया है.  ये नया जिला प्रयागराज और बाकी जगहों के लिए कई अवसर लेकर आएगा. आइए जानते हैं नया जिला कैसे बनता है.

75 से 76 हुए जिले

महाकुंभ मेला (Mahakumbh Mela) नाम से नया जिला बनने के बाद उत्तर प्रदेश में जिलों की संख्या अब बढ़कर 75 से 76 हो गई है. महाकुंभ मेला जिले में भी वह सभी प्रक्रियाएं अपनाई जाएंगी, जो किसी दूसरे जिले के संचालन के लिए जरूरी होती हैं. यानी महाकुंभ क्षेत्र के अलग डीएम और पुलिस कप्तान होंगे. अलग थाने और पुलिस चौकियां होगी. प्रयागराज में महाकुंभ की तैयारियों और प्रशासन को सुचारू रूप संचालित होंगी. इस नए जिले को चार तहसील क्षेत्रों के 67 गांवों को जोड़कर बनाया गया है. इस अस्थायी जिले में प्रशासन वैसे ही काम करेगा, जैसे सामान्य जिलों में करता है. हालांकि जो महाकुंभ मेला जनपद बनाया गया है, वो अस्थायी है. उसे प्रयागराज की सीमाओं के अंतर्गत आने वाले इलाकों को ही जोड़कर बनाया गया है. इसके लिए उसी जिले के डीएम की ओर से अधिसूचना जारी की जाती है. 

कितना आता है खर्च

एक जिले को बनाने में करीब 500 करोड़ रुपये का खर्चा आता है. ज़िलों के आकार में अंतर कहीं कुछ गाँव जोड़कर ही ज़िला बनता है तो कहीं अन्य स्थानों पर विशाल भूक्षेत्र एक ही ज़िले में सम्मिलित होते हैं. भारत में हर ज़िला कई तालुकाओं, तहसीलों या प्रखण्डों को जोड़कर बनता है और कई ज़िलों को जोड़कर एक राज्य बनता है.

कैसे बनता है अस्थायी जिला?

जिला बनाने का अधिकार राज्य सरकारों के पास होता है. नया जिला बनाने के लिए सरकार को आधिकारिक राजपत्र पर अधिसूचना जारी करनी होती है. इसके लिए मुख्यमंत्री कार्यकारी आदेश दे सकते हैं या फिर इसके लिए विधानसभा में कानून पारित करके नया जिला बनाया जा सकता है. इसके अलावा राज्य सरकार जिले का नाम बदल सकती है और किसी जिले का दर्जा भी खत्म कर सकती है.

कैसे बनता है जिला

आम तौर पर, एक नए जिले का निर्माण राज्य के राजपत्र में एक कार्यकारी आदेश जारी करके या राज्य विधानसभा में एक कानून पारित करके किया जाता है. यह राज्य के मंत्रालयों को राजपत्र में एक अधिसूचना के माध्यम से इच्छानुसार जिलों को विभाजित करने, सीमाओं को विभाजित करने और विलय करने की खुली छूट देता है. नए जिले बनाने या मौजूदा जिलों को बदलने या खत्म करने का अधिकार पूरी तरह से संबंधित राज्य सरकारों के पास है. जिलों के परिवर्तन या नए जिलों के निर्माण में केंद्र की कोई भूमिका नहीं है 

महाकुंभ 2025

बता दें कि महाकुंभ 2025 का आयोजन प्रयागराज में 13 जनवरी से 26 फरवरी तक होगा. इस महाकुंभ के दौरान कुल 6 शाही स्नान होंगे. ऐसा कहा जा रहा है कि इस महाकुंभ में देश-विदेश के 40 करोड़ से ज्यादा श्रद्धालु शामिल होंगे.

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