Ghaziabad News: गाजियाबाद के लिंक रोड थाना क्षेत्र के चंद्र नगर में रविवार को ऐसी घटना सामने आई जिसके बारे में सुनकर हर कोई हैरान है. हर कोई इसे पागलपन बता रहा है तो कुछ लोग कह रहे हैं कि मां की ममता ही ऐसी होती है.
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Ghaziabad News: गाजियाबाद में एक किशोर की बीमारी के चलते तीन दिन पहले मौत हो गई. लेकिन शव का अंतिम संस्कार कराने के बजाय लड़के की मां और बहन उसी के पास बैठे रहे. इस बात का खुलासा तब हुआ जब बंद घर से बदबू आने पर पड़ोसियों ने पुलिस को सूचित किया.
फ्लैट में तीन दिन से पड़ी थी लाश
गाजियाबाद के चंद्र नगर के बंद फ्लैट में किशोर का शव मिला है. शव को देखने पर ऐसा लग रहा था कि शव कम से कम तीन दिन पुराना है. फ्लैट से बदबू आने पर पड़ोसियों ने पुलिस को इसकी सूचना दी थी. पुलिस जब मौके पर पहुंची तो पाया कि एक बंद फ्लैट से काफी बदबू आ रही थी. फ्लैट का दरवाजा बंद था. पुलिस ने काफी कोशिश के बाद फ्लैट का दरवाजा खुलवाया तो देखा कि अंदर एक किशोर के शव के पास एक अधेड़ महिला और लड़की बैठी हुई हैं. इतना ही नहीं कमरे में काफी गंदगी थी.
"मेरा बेटा सो रहा है..."
पुलिस ने जब बदूब आते शव के पास बैठी महिला से मामला जानना चाहा तो महिला ने पुलिस वालों को धीमी आवाज में बोलने का इशारा करते हुए कहा कि शोर न करें मेरा बेटा सो रहा है.
"मेरा बेटा सो रहा है..."
पुलिस ने जब बदूब आते शव के पास बैठी महिला से मामला जानना चाहा तो महिला ने पुलिस वालों को धीमी आवाज में बोलने का इशारा करते हुए कहा कि शोर न करें मेरा बेटा सो रहा है. हालात देखने पर पुलिस को समझने में देर नहीं लगी कि हो न हो शव के पास बैठी महिला और लड़की की मानसिक स्थिति ठीक नहीं हैं. पुलिस ने फौरन साक्ष्य इकट्ठा करने के लिए फोरेंसिक टीम को बुलाया. पुलिस ने बताया कि जब उन्होंने शव को उठाने की कोशिश की तो महिला ने उन्हें शव भी उठाने नहीं दिया. दोनों कहने लगी कि वो सो रहा है उसकी तबीयत ठीक नहीं है उसे डॉक्टर के पास ले जाना है इसलिए उन्हें नहीं ले जाने देंगे.
मानसिक तौर पर बीमार हैं मां-बेटी
पुलिस की जांच में सामने आया कि महिला अपनी 22 वर्षीय बेटी और 14 वर्षीय बेटे के साथ रह रही थी. 10 साल पहले किसी बीमारी की वजह से पति की मौत हो गई थी. तभी से ये लोग भी बीमार हैं. तीनों का दिल्ली के एक अस्पताल में इलाज चल रहा है. बीमारी की वजह से बेटी ने 12वीं के बाद पढ़ाई छोड़ दी थी. चावड़ी बाजार में रहने वाला महिला का भाई उनका खर्चा उठाते हैं. तीनी किसी से ज्यादा बोलते-चालते नहीं थे. घर में ज्यादातर अंधेरा रहता था. पुलिस की जांच में यह भी पता लगा कि लड़के के शरीर पर चोट आदि के कोई निशान नहीं मिले, वो कई दिनों से बीमार था.
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