UP News: राशन की कालाबाजारी के रैकेट का भंडाफोड़, बुलंदशहर में जिला पूर्ति अधिकारी समेत कई अफसर सस्पेंड
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UP News: राशन की कालाबाजारी के रैकेट का भंडाफोड़, बुलंदशहर में जिला पूर्ति अधिकारी समेत कई अफसर सस्पेंड

Bulandshahr News: उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर जिले में राशन की कालाबाजारी करने में जिला पूर्ति अधिकारी के समेत कई अधिकारियों को सस्पेंड कर दिया गया है. लगातार मिल रही शिकायतों के बाद जांच की गई. पढ़िए पूरी खबर ...

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UP News: उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर जिले से राशन की कालाबाजारी करने वालों के खिलाफ जिलाधिकारी ने कड़ी कार्रवाई करते हुए जिला पूर्ति अधिकारी के साथ अन्य कई अधिकारियों को सस्पेंड कर दिया है. जिले में मौजूद भारतीय खाद्य निगम (FCI) के गोदाम से राशन की कालाबाजारी करने वाले अधिकारियों, कर्मचारियों और ठेकेदारों के खिलाफ जिलाधिकारी द्वारा यह कठोर कार्रवाई की गई है. इन सभी के खिलाफ भारतीय दंड संहिता और आवश्यक वस्तु अधिनियम -1955 की धारा 3/7 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है. 

जिलाधिकारी को मिल रही थी शिकायतें
खाद्य एवं रसद विभाग के अधिकारियों के अनुसार यह कार्रवाई गरीबों के हक के साथ खिलवाड़ करने वाले और भ्रष्टाचारियों के खिलाफ की गई है. बुलंदशहर के जिलाधिकारी को राशन की कालाबाजारी की शिकायत प्राप्त हुई थी. जिसके बाद इस गंभीर मामले की जांच के लिए अपर जिलाधिकारी (प्रशासन) की अध्यक्षता में एक जांच समिति गठित की गई. समिति ने सिंगल स्टेज परिवहन व्यवस्था की जांच की थी. जांच में पाया गया कि जिसमें अधिकारियों और ठेकेदारों द्वारा कालाबाजारी करने का प्रमाण मिला. 

राशन की कालाबजारी में संलिप्त पाए गए कई अधिकारी
समिति की जांच में सामने आया कि हैंडलिंग एवं परिवहन ठेकेदार रविन्द्र सिंह, विपणन निरीक्षक सुधीर कुमार, विपणन निरीक्षक अंकुर सिंह,  लेबर मेट शिवकुमार उर्फ शिब्बु और वकील खां, पिंकी तथा पवन सरकारी राशन की कालाबाजारी और दुरुपयोग में संलिप्त थे. खाद्यान्न जिसे गरीबों और जरूरतमंदों तक पहुंचना था. उसे बाजार में अवैध रूप से बेचा जा रहा. इन सभी  पर भारतीय दंड संहिता और आवश्यक वस्तु अधिनियम के तहत सख्त धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया. 

नियमों का पूरा करने में हुई लापरवाही
मामले की गंभीरता को देखते हुए शासन ने मुख्यालय से अपर आयुक्त (स्थापना) की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय एक उच्चस्तरीय जांच समिति का गठन किया. इस समिति ने मौके पर जाकर पूरी जांच की, जिसमें स्पष्ट हुआ कि सिंगल स्टेज डोर स्टेप डिलीवरी व्यवस्था और सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अन्य निर्देशों का सही तरीके से पालन नहीं किया गया था. संबंधित अधिकारियों और कर्मचारियों ने अपने पर्यवेक्षणीय कर्तव्यों का निर्वहन ठीक से नहीं किया, जिससे सरकारी राशन का दुरुपयोग हुआ.

इन अधिकारियों पर भी गिरी गाज
खाद्यान्न वितरण में लापरवाही और सरकारी रिकॉर्ड के सही रखरखाव न करने पर कई अन्य अधिकारियों पर भी गाज गिरी है. डिपो प्रभारी/ब्लॉक प्रेषण प्रभारी शालिनी पचौरी, क्षेत्रीय विपणन अधिकारी इन्द्रपाल सिंह, और विपणन निरीक्षक गौरव कुमार, विनोद कुमार दोहरे, मुकेश कुमार, राजीव शर्मा और मनोज कुमार के खिलाफ भी विभागीय कार्यवाही शुरू कर दी गई है. इन सभी अधिकारियों पर खाद्यान्न वितरण और अभिलेखों के समुचित रख-रखाव में गंभीर लापरवाही बरतने के आरोप है. इसके साथ ही भ्रष्टाचार में संलिप्त पाए गए परिवहन ठेकेदार रविन्द्र सिंह की फर्म को तत्काल प्रभाव से ब्लैकलिस्ट कर दिया गया है.

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