Thackeray and Raut are facing a defamation complaint: मुंबई की एक विशेष अदालत ने शिवसेना के पूर्व सांसद राहुल शेवाले द्वारा दायर मानहानि के मामले में शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे और राज्यसभा सांसद संजय राउत पर 2,000 रुपए का जुर्माना लगाया है.
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Shiv Sena (UBT) leaders Uddhav Thackeray: शिवसेना-यूबीटी के चीफ उद्दव ठाकरे और उनकी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय राउत को मानहानि के मामले में कोर्ट की कार्रवाई को लेकर 2 हजार रुपए का जुर्माना भरना था, लेकिन वो भर नहीं पाए हैं. जिसके बाद उन्होंने 2 दिन का और समय कोर्ट से मांगा है. उनकी तरफ से कहा गया है कि कोर्ट के अधिकारियों ने कैश एक्सेप्ट ही नहीं किया, इसलिए वो जुर्माने की राशि जमा नहीं कर पाए.
सबसे पहले जानें क्या है मामला
सामना में 29 दिसंबर 2022 को हिंदी और मराठी दोनों संस्करणों में छपे एक लेख में दावा किया गया था कि शिवसेना के पूर्व सांसद राहुल शेवाले के पास दुबई और कराची में रियल एस्टेट निवेश है. जिसके बाद शेवाले की वकील, चित्रा सालुंखे ने 3 जनवरी, 2023 को सामना को एक नोटिस भेजा और इन आरोपों की बारे में स्पष्टीकरण मांगा.
जवाब में ‘सामना’ संपादकीय टीम ने तर्क दिया कि उनका लेख ऑनलाइन मिली जानकारी से प्रेरित था, जिसमें एक महिला कथित तौर पर इन मामलों पर चर्चा कर रही थी. इसके बाद सालुंखे ने मजिस्ट्रेट कोर्ट में आपराधिक मानहानि की शिकायत दर्ज कराई और साथ ही बॉम्बे हाई कोर्ट में 100 करोड़ रुपये का मानहानि का मुकदमा भी दायर किया.
इस मामले में राउत और ठाकरे ने खुद को निर्दोष बताते हुए मजिस्ट्रेट अदालत में आरोपमुक्त करने की अर्जी दायर की थी, जिसे पिछले साल अक्टूबर में खारिज कर दिया गया था. नियमों के अनुसार, दोनों को मजिस्ट्रेट अदालत के आदेश को तुरंत चुनौती देनी चाहिए थी, जो उन्होंने नहीं किया. पुनरीक्षण दायर करने के लिए नियमों के तहत निर्धारित बाहरी समय सीमा से 84 दिनों की देरी हुई. इस प्रकार, देरी को माफ करते हुए, सत्र न्यायालय ने 13 जून को उन पर 2,000 रुपये का जुर्माना लगाया था.
कोर्ट को ठाकरे ने क्या बताया
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, उद्धव ठाकरे और संजय राउत ने कहा कि उन्हें 14 जून को आदेश मिला और अदालत का कैश काउंटर, जहाँ पैसे जमा किए जाने थे, अगले दो दिनों के लिए बंद कर दिया गया. उन्होंने कहा कि उन्होंने अगले कुछ दिनों में अपनी तरफ से पूरी कोशिश की लेकिन प्रक्रिया पूरी करने की औपचारिकताएँ पूरी नहीं हो सकीं और 10 दिन की अवधि बीत जाने के बाद कैश काउंटर पर मौजूद अधिकारियों ने पैसे लेने से इनकार कर दिया. हालाँकि, शेवाले की ओर से पेश अधिवक्ता चित्रा सालुंखे ने दो दिन का समय माँगने वाले इस नए आवेदन का विरोध करते हुए कहा कि उनके उदासीन रवैये के कारण ही नकद जमा प्रक्रिया पूरी नहीं हो पाई. सालुंखे ने यह भी आरोप लगाया कि यह ठाकरे और राउत की ओर से केवल देरी करने की रणनीति है. अब इस मामले में स्पेशल कोर्ट 31 जुलाई को दलीलें सुनना जारी रखेगा.