सीरिया जाने से बचें..., सरकार ने हर भारतीयों को क्यों किया आगाह? किसकी सत्ता उखाड़ने में मचा कत्लेआम
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सीरिया जाने से बचें..., सरकार ने हर भारतीयों को क्यों किया आगाह? किसकी सत्ता उखाड़ने में मचा कत्लेआम

India Issues Travel Advisory For Syria: बांग्लादेश में सत्ता बदलने की आग अभी बुझी ही नहीं कि दुनिया में एक और देश विद्रोह की आग में झुलस गया.सीरिया में अरब समर्थित विद्रोहियों का कंट्रोल बढ़ गया है. सत्ता उखाड़ फेंकने को आतुर विद्रोही किसी भी हद तक जा रहे हैं. ऐसे में सीरिया में रहे रहे भारतीयों के लिए भारत सरकार ने एडवाइजरी जारी की है. विदेश मंत्रालय ने फिलहाल अगले अपडेट तक सीरिया की यात्रा न करने की सलाह दी है. जानें पूरा मामला.

 सीरिया जाने से बचें..., सरकार ने हर भारतीयों को क्यों किया आगाह? किसकी सत्ता उखाड़ने में मचा कत्लेआम

Syria Crisis: सीरिया में हालात तेजी से बिगड़ रहे हैं. विद्रोही समूहों ने हामा शहर पर कब्जा जमा लिया है. इसी बीच भारतीय विदेश मंत्रालय ने सीरिया की यात्रा और वहां रहने वाले भारतीय मूल के लोगों के लिए दिशानिर्देश जारी किए हैं. विदेश मंत्रालय ने कहा, 'सीरिया की मौजूदा स्थिति को देखते हुए भारतीय नागरिकों को अगली सूचना तक सीरिया की यात्रा से बचने की सलाह दी जाती है.'

साथ ही विदेश मंत्रालय ने कहा, 'वर्तमान में सीरिया में रहने वाले भारतीयों से अनुरोध है कि वे अपडेट के लिए दमिश्क में भारतीय दूतावास के आपातकालीन हेल्पलाइन नंबर +963 993385973 (व्हाट्सएप पर भी) और ईमेल आईडी hoc.damascus@mea.gov.in पर संपर्क में रहें. लोगों से अपील की जाती है कि वो बहुत जरूरी होने पर ही बाहर निकलें. '

सीरिया में विद्रोहियों का कब्जा
आपको
बता दें कि सीरिया में बशर अल-असद शासन को एक और बड़ा झटका लगा है. यहां विद्रोही समूहों ने अब हामा शहर पर कब्जा कर लिया है. सीरिया का यह एक सेंट्रल शहर है, जो अलेप्पो के बाद अहम माना जाता है. सीरियाई सेना ने ऐलान किया कि वे शहर को खाली कर चुके हैं, ताकि आम लोगों की जान बचाई जा सके. असद की आर्मी को रूस का समर्थन है, और वे लगातार विद्रोहियों पर हमले कर रहे हैं.

सीरिया में क्या हो रहा है कत्लेआम?
सीरिया एक राजनीतिक उथल-पुथल के बीच में है, रूस और ईरान समर्थित बशर अल-असद शासन खुद को विद्रोही समूहों और मिलिशिया से घिरा हुआ पा रहा है, जिन्हें तुर्की का समर्थन प्राप्त है. राष्ट्रपति बशर अल-असद को उखाड़ फेंकने के उद्देश्य से विद्रोही ताकतों ने पिछले सप्ताह से पूरे सीरिया में ज़बरदस्त हमला किया है. एक युद्ध निगरानीकर्ता ने समाचार एजेंसी एएफपी को बताया कि इस्लामी नेतृत्व वाले विद्रोही सीरिया के होम्स के द्वार पर थे. कई अन्य सीरियाई शहर सरकार के नियंत्रण से बाहर हो गए हैं. कुछ में तो एक गोली भी नहीं चलानी पड़ी.

पचास साल बाद सत्ता जाने वाली है?
बशर अल-असद के कबीले ने पिछले पांच दशकों से सीरिया पर शासन किया है, लेकिन पहली बार यह वास्तव में पूर्ण पतन के प्रति संवेदनशील दिख रहा है. यदि विद्रोहियों ने होम्स पर कब्ज़ा कर लिया, तो इससे राजधानी दमिश्क में सत्ता की सीट भूमध्यसागरीय तट से कट जाएगी, जो बशर असद का प्रमुख गढ़ है.सीरियन ऑब्जर्वेटरी फॉर ह्यूमन राइट्स मॉनिटर के अनुसार, शुक्रवार सुबह (स्थानीय समय) तक, इस्लामी विद्रोही होम्स के किनारे से पांच किलोमीटर से भी कम दूरी पर थे.

सीरिया में बगावत, पीछे कौन है?
हयात तहरीर अल-शाम या एचटीएस विद्रोही गठबंधन के नेता अबू मोहम्मद अल-जोलानी ने स्पष्ट रूप से कहा है कि इस हमले का लक्ष्य बशर अल-असद को उखाड़ फेंकना और सीरिया में उनके शासन को समाप्त करना है. जोलानी ने एक साक्षात्कार में सीएनएन को बताया, “जब हम उद्देश्यों के बारे में बात करते हैं, तो क्रांति का लक्ष्य इस शासन को उखाड़ फेंकना रहता है. उस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए सभी उपलब्ध साधनों का उपयोग करना हमारा अधिकार है.”

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