ये कैसा गठबंधन? महाराष्ट्र में कांग्रेस को मिलने वाला झटका? EVM पर शरद पवार छिटके
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ये कैसा गठबंधन? महाराष्ट्र में कांग्रेस को मिलने वाला झटका? EVM पर शरद पवार छिटके

EVM controversy: सुप्रिया सुले ने हाल ही में ईवीएम पर सवाल उठाने को अनुचित बताते हुए कहा कि जब तक ईवीएम से छेड़छाड़ के पुख्ता सबूत न हों, तब तक ऐसा आरोप लगाना सही नहीं है. मैंने खुद इसी ईवीएम से चार चुनाव जीते हैं.

ये कैसा गठबंधन? महाराष्ट्र में कांग्रेस को मिलने वाला झटका? EVM पर शरद पवार छिटके

Sharad Pawar EVM stance: कई बार इंडिया गठबंधन के घटक दल ऐसे बयान दे देते हैं कि जिससे हैरानी होती है कि ये कैसा इंडिया गठबंधन है. इसी बीच ऐसा लग रहा है कि महाराष्ट्र में इंडिया गठबंधन अपने अंतिम दिन गिन रहा है. हुआ यह कि एनसीपी शरद गुट ने इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन पर कांग्रेस की राय से असहमति जताई है. कांग्रेस जहां ईवीएम को चुनावी नतीजों के लिए दोषी ठहरा रही है, वहीं शरद पवार की बेटी और बारामती सांसद सुप्रिया सुले ने इसे गलत ठहराया है. यह विरोधाभास इंडिया गठबंधन में खटास पैदा करने का संकेत देता है.

ईवीएम में गड़बड़ी का मुद्दा
दरअसल, महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में हार के बाद कांग्रेस और शिवसेना उद्धव गुट ने ईवीएम में गड़बड़ी का मुद्दा उठाया था. कांग्रेस ने इसे लेकर चुनाव आयोग का दरवाजा भी खटखटाया. इसी बीच, सोलापुर जिले के मालसिराज विधानसभा क्षेत्र में एनसीपी शरद गुट के नेता उत्तमराव जांकर ने बैलेट पेपर से चुनाव कराने की मांग की थी. हालांकि प्रशासन ने इसे खारिज कर दिया. इस मामले ने महाविकास अघाड़ी की चुनावी रणनीति पर सवाल खड़े कर दिए.

'सबूतों के अभाव में ईवीएम को दोष नहीं'

सुप्रिया सुले ने हाल ही में ईवीएम पर सवाल उठाने को अनुचित बताते हुए कहा कि जब तक ईवीएम से छेड़छाड़ के पुख्ता सबूत न हों, तब तक ऐसा आरोप लगाना सही नहीं है. मैंने खुद इसी ईवीएम से चार चुनाव जीते हैं. पुणे में पत्रकारों से बातचीत के दौरान उन्होंने स्पष्ट किया कि उनकी पार्टी सबूतों के अभाव में ईवीएम को दोष नहीं देगी. उनका यह बयान कांग्रेस और अन्य सहयोगी दलों की ईवीएम विरोधी मुहिम को कमजोर कर सकता है.

छेड़छाड़ के आरोप लगाए गए
उधर लगातार कांग्रेस और अन्य दलों द्वारा ईवीएम में छेड़छाड़ के आरोप लगाए गए हैं. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से लेकर बीजद के अमर पटनायक तक ने एनसीपी शरद गुट से समर्थन मांगा है. हालांकि, सुप्रिया सुले ने स्पष्ट किया कि उनकी पार्टी इन मुद्दों पर ध्यान दे रही है लेकिन बिना सबूत किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुंचेगी. फिलहाल यह राहुल के लिए एक झटका तो जरूर ही माना जाएगा. 

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