Sharad Pawar Meets Pm Modi: महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के बाद शरद पवार ने बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की है. बताया जा रहा है कि उन्होंने यह मुलाकात अनार के किसानों को आ रही परेशानियों के चलते की है.
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Sharad Pawar Meets Pm Modi: एक तरफ जहां पूरा विपक्ष केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को अंबेडकर के मुद्दे पर घेर रहा है वहीं दूसरी तरफ शरद पवार ने प्रधानमंत्री से मुलाकात कर ली है. राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के अध्यक्ष शरद पवार ने बुधवार संसद में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की और अनार किसानों के सामने आने वाले मुद्दों पर चर्चा की. बैठक में अनार उद्योग से जुड़ी चुनौतियों, खासकर किसानों को प्रभावित करने वाली चुनौतियों पर चर्चा की गई. किसानों की चिंताओं के बारे में मुखर रहे पवार ने प्रधानमंत्री से इन मुद्दों को सुलझाने और कृषि क्षेत्र के लिए समर्थन सुनिश्चित करने के लिए दखल करने की मांग की.
पवार ने पश्चिमी महाराष्ट्र के फलटन के दो किसानों के साथ संसद में प्रधानमंत्री से उनके कार्यालय में मुलाकात की और उन्हें अपने खेत से अनार का एक डिब्बा भेंट भी किया. प्रधानमंत्री से मुलाकात के बाद पवार ने कहा,'मैंने साहित्य सम्मेलन के विषय पर बात नहीं की.' जब उनसे पूछा गया कि क्या उन्होंने पीएम मोदी महाराष्ट्र की राजनीति को लेकर कोई बात की है? तो उन्होंने इस सवाल का जवाब 'नहीं' में दिया.
हाल ही में पवार ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर उन्हें फरवरी में राष्ट्रीय राजधानी के तालकटोरा स्टेडियम में आयोजित होने वाले 98वें मराठी साहित्य सम्मेलन का उद्घाटन करने के लिए आमंत्रित किया था.
#WATCH | Delhi: NCP-SCP chief Sharad Pawar met PM Narendra Modi today in the Parliament regarding pomegranate issue of farmers.
Visuals as he leaves from the Parliament. pic.twitter.com/5diMYHVCno
— ANI (@ANI) December 18, 2024
शरद पवार ना सिर्फ महाराष्ट्र में बल्कि राष्ट्रीय स्तर विपक्षी खेमे के लिए बड़ा चेहरा हैं. ऐसे में संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान पीएम मोदी से मुलाकात को लेकर कई तरह की अटकलें लगाई जा रही हैं, हालांकि बाद में साफ हो गया कि उन्होंने किसानों के मुद्दों को लेकर पीएम से यह मीटिंग की है.
पिछले महीने महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में कांग्रेस-एनसीपी (शरद पवार)-शिवसेना (उद्धव ठाकरे) वाले गठबंधन महाविकास अघाड़ी को महायुति के सामने करारी हार का सामना पड़ रहा था. महायुति ने 235 सीटें जीतीं, जबकि महाराष्ट्र विकास अघाड़ी को 288 सदस्यीय विधानसभा सीटों में से सिर्फ 46 सीटों पर ही जीत नसीब हुई थी.