BJP VS AAP: अरविंद केजरीवाल के इस बयान को बीजेपी ने बड़ा मुद्दा बना दिया. मारीच की जगह मृग को रावण बता दिया तो इसे बीजेपी ने रामायण का अपमान करार दिया. इसके बाद वो क्षमा मांगने के लिए सीधे हनुमानजी के मंदिर पहुंच गए. बीजेपी नेता वीरेंद्र सचदेवा और मनोज तिवारी ने केजरीवाल के साथ आम आदमी पार्टी को लपेट लिया.
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Delhi Elections 2025: दिल्ली के चुनाव में RRR की एंट्री हो गई है. RRR यानी राम, रावण और रामायण. आप देश के किसी भी हिस्से में बैठे हों. अगर आपने रामायण पढ़ी है या फिर टीवी पर देखी है तो आपको ये पता होगा की सीता हरण से ठीक पहले प्रभु राम ने जिस मृग का पीछा किया था वो कौन था? आज ये सवाल राजधानी दिल्ली की राजनीति में खूब जोर पकड़ रहा है. गरमागरम बहस के इस एपिसोड शुरुआत हुई अरविंद केजरीवाल के उस बयान से जिसमें उन्होंने रामायण के हवाले से एक धार्मिक बयान दिया.
RRR की एंट्री कैसे हुई?
दरअसल अरविंद केजरीवाल ने सीता हरण का गलत व्याख्यान किया. जिसके बाद से राजनीति रामायण के इर्द गिर्द घूम रही है. दरअसल दिल्ली में इस बार विधानसभा से पहले एक अलग तरह की राजनीति देखने को मिल रही है. यहां 'र' से रेवड़ी की जगह, 'र' से राम और 'र' से रावण और 'र' से रामायण को लेकर राजनीति हो रही है. कहा जा सकता है कि मानो फुल हिंदुत्व के एजेंडे पर दिल्ली की सत्ता को हासिल करने की होड़ मची है? राम.. रावण और रामायण पर आम आदमी पार्टी (AAP) और बीजेपी (BJP) के बीच कैसे महाभारत हो रही है, आइए बताते हैं.
संदर्भ समेत व्याख्या-
श्रीरामचरित मानस में तुलसीदास जी ने लिखा है- सीता परम रुचिर मृग देखा। अंग अंग सुमनोहर बेषा॥ सुनहु देव रघुबीर कृपाला। एहि मृग कर अति सुंदर छाला॥ अर्थात
यानी सीताजी ने परम सुंदर हिरन को देखा, जिसके अंग-अंग की छटा अत्यन्त मनोहर थी। (वे कहने लगीं-) हे देव! हे कृपालु रघुवीर! सुनिए, इस मृग की छाल बहुत ही सुंदर है.
श्री राम ने इसके बाद हिरण का पीछा किया और जब बाण मारा तो मृग का असल स्वरूप सामने आया और वो था राक्षस मारीच. लेकिन रामचरित मानस की इस चौपाई का जिक्र इसलिए हो रहा है क्योंकि सोमवार को दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री केजरीवाल ने दिल्ली विधानसभा चुनाव के प्रचार के दौरान इसकी गलत व्याख्या कर दी. मारीच की जगह हिरण को रावण बता दिया. बस इसी के बाद बीजेपी को बैठे बिठाए आम आदमी पार्टी पर हमलावर होने का मौका मिल गया.
बीजेपी ने आप को लपेटा
बीजेपी नेता वीरेंद्र सचदेवा, मनोज तिवारी और तरुण चुग समेत कई नेताओं ने केजरीवाल के साथ पूरी आम आदमी पार्टी को लपेट लिया. अरविंद केजरीवाल के इस बयान को बीजेपी ने बड़ा मुद्दा बना दिया. मारीच की जगह मृग को रावण बताया तो इसे बीजेपी ने रामायण का अपमान करार दिया. वहीं अरविंद केजरीवाल से हुई इस गलती के क्षमा मांगने के लिए हनुमान जी महाराज के दरबार में पहुंच गए.
आप का पलटवार
बीजेपी हमलावर हुई तो आम आदमी पार्टी ने भी जवाब देने में देरी नहीं की. खुद अरविंद केजरीवाल ने सामने आकर बीजेपी को ही राक्षस करार दे दिया. अरविंद केजरीवाल से राजनीति मंच पर रामायण के व्यख्यान में चूक हुई. बीजेपी इसे लेकर हनुमान जी की शरण में पहुंच गई. जवाब में केजरीवाल इन्हें राक्षस करार दे रहे हैं. लेकिन सवाल तो ये उठता है कि आखिर राजनीति में रामायण को क्यों लाया गया?
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रेवड़ी का मुद्दा पीछे छूटा
दरअसल जिस दिल्ली में आजतक जनता के मुद्दों और रेवड़ियों को लेकर चुनाव लड़ा जाता था. आज वहां राम.. रावण.. राक्षस.. हनुमान और रामायण को लेकर राजनीतिक खींचतान है. कुल मिलाकर ये कहा जा सकता है कि चुनाव प्रचार का जो मॉडल यूपी में अपनाया गया. हिंदुत्व के जिस मुद्दे को लेकर हरियाणा और महाराष्ट्र में चुनाव लड़ा गया. अब वही दिल्ली में भी रिपीट हो रहा है. देश की राजधानी में भी बीजेपी और आम आदमी पार्टी दोनों हिंदुत्व के नाम पर सत्ता पाने की कोशिश में दिख रही है.