16वीं शताब्दी से जुड़ा है सांगानेरी प्रिंट, इसे बनाने में जड़ी बूटियों का होता है प्रयोग

Zee Rajasthan Web Team
Feb 05, 2025

राजस्थान में सांगानेरी प्रिंट का करीब 1800 करोड़ का करोबार हैं.

सांगानेरी राजस्थान की सबसे पुरानी कला है.

इस कला में प्राकृतिक रंगो की सहायता से कपड़े पर डिजाइन उकेरी जाती है.

इसकी शुरुआत रॉयल फैमलीज के दौरान की गई थी.

इसकी पहचान ग्लोबली लेबल तक हैं.

सांगानेरी की शुरुआत जयपुर के सांगानेर से हुई थी.

छपाई की शुरुआत आमेर के राजपरिवार ने की थी.

छपाई में मोम-जड़ी बूटियों का होता था प्रयोग.

इसे यूरोप में चिंट्ज के नाम से जाना जाता था.

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