किसानों को 75 से 90 प्रतिशत तक मिलेगा अनुदान,जानें किस सेक्टर में और कहां करना होगा संपर्क
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किसानों को 75 से 90 प्रतिशत तक मिलेगा अनुदान,जानें किस सेक्टर में और कहां करना होगा संपर्क

सहायक निदेशक उद्यान,टोंक ने बताया कि सौर ऊर्जा आधारित पम्प संयंत्र 60-75 प्रतिशत विभाग द्वारा संचालित योजना से एवं 15 प्रतिशत अतिरिक्त अनुदान आरडब्ल्यूएसएलआईपी से इस प्रकार कुल 75 प्रतिशत तक अनुदान दिया जाएगा. 

किसानों को 90 प्रतिशत तक अनुदान दिया जाएगा.

Tonk: वित्तीय वर्ष 2022-23 में जिले में संचालित राजस्थान जल क्षेत्र आजीविका सुधार परियोजना के तहत परियोजना क्षेत्र में आने वाले कृषकों को उच्च उद्यानिकी गतिविधियों को बढ़ावा देते हुए नहरी जल के समुचित उपयोग कर न्यूनतम क्षेत्र से अधिक आमदनी प्राप्त करने के लिए सूक्ष्म सिंचाई संयंत्र की स्थापना जैसे बून्द-बून्द (ड्रिप) सिंचाई/मिनी फंव्वारा एवं फंव्वारा सिंचाई संयंत्रो पर 70-75 प्रतिशत अनुदान उद्यान विभाग द्वारा संचालित योजना से एवं 15 प्रतिशत अतिरिक्त अनुदान आरडब्ल्यूएसएलआईपी से इस प्रकार कुल 90 प्रतिशत तक अनुदान दिया जाएगा.

किन योजनाओं में मिलेगा अनुदान, जानें
सहायक निदेशक उद्यान,टोंक ने बताया कि सौर ऊर्जा आधारित पम्प संयंत्र 60-75 प्रतिशत विभाग द्वारा संचालित योजना से एवं 15 प्रतिशत अतिरिक्त अनुदान आरडब्ल्यूएसएलआईपी से इस प्रकार कुल 75 प्रतिशत तक अनुदान दिया जाएगा. संरक्षित खेती के लिए लॉ-टनल, मल्चिंग, फर्टीगेशन, फोलीयर फर्टीगेशन एवं परियोजना क्षेत्र की महिलाओं को मधुमक्खी पालन, एचडीपीई वर्मीबेड एवं फसलोत्तर प्रबंधन प्रसंस्करण इकाइयों पर 75 प्रतिशत अनुदान आरडब्ल्यूएसएलआईपी परियोजना से दिया जाएगा. 

जिले में गलवानिया, रामसागर गनवर एवं रामसागर लाम्बा हरिसिंह परियोजना क्षेत्र के कृषकों को इस योजना के तहत लाभान्वित किया जाएगा. जिले के परियोजना क्षेत्र के कृषको को लाभान्वित किये जाने के लिए सौर ऊर्जा पम्प संयंत्र स्थापना के लिए 80 कृषको, ड्रिप/मिनी फंव्वारा संयंत्रों के 20 हेक्टेयर, फंव्वारा संयंत्र के 300 हेक्टेयर, लॉ-टनल 10 हेक्टेयर, मल्चिंग 20 हेक्टेयर, फर्टीगेशन 4 हेक्टेशन, फोलीयर फर्टीगेशन 5 हेक्टेयर, मधुमक्खी पालन 40 हेक्टेयर, एचडीपीई वर्मीबेड के 50 और पीएचएम के 2 ईकाइयों के लक्ष्य प्राप्त हुए हैं.

आवेदन ऑफलाइन भी स्वीकार किये जाएंगे
सूक्ष्म सिंचाई, सौर ऊर्जा पम्प लॉ-टनल, मल्चिंग, फर्टीगेशन, फोलीयर फर्टीगेशन के आवेदन ई-मित्र/राज किसान सार्थी पोर्टल के माध्यम से ऑनलाइन प्रस्तुत किए जाऐंगे. जबकि पीएचएम प्रसंस्करण ईकाइ एचडीपीई वर्मीबेड एवं मधुमक्खी पालन के आवेदन ऑफलाइन भी स्वीकार किये जाएंगे. प्राथमिकता के आधार पर दिशा-निर्देशानुसार अनुदान कृषकों को उपलब्ध कराया जाएगा.

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सहायक निदेशक उद्यान,टोंक कार्यालय में सम्पर्क करें
परियोजना क्षेत्र के इच्छुक कृषक अनुदान का लाभ लेने के लिए अधिक जानकारी के लिए संबंधित कृषि पर्यवेक्षक/सहायक कृषि अधिकारी एवं सहायक निदेशक उद्यान,टोंक कार्यालय में सम्पर्क करें.

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Reporter- Mahesh Parihar

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