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बता दें कि गिरोह का मास्टरमाइंड सुमेर सिंह राजस्थान के उन पुरुषों को निशाना बनाता था, जो शादी के लिए बिल्कुल तैयार रहते हैं. सुमेर उ लोगों को बनारस बुलाकर शादी के लिए लड़की दिखाने की कहता है. इसके बाद शादी कराने के लिए मोटी रकम लेता है. शादी के बाद दुल्हन, गिरोह के अन्य सदस्यों की मदद से फरार हो जाती है. घनश्याम के मामले में, गिरोह ने शादी का पूरा ब्योरा तैयार किया था. उसने दुल्हे से 1.17 लाख रुपये लिए थे.
पुलिस पूछताछ में पता चला है कि यह गिरोह अब तक 6 से ज्यादा लोगों को अपना शिकार बना चुका है. पूरी प्लानिंग को अंजाम देने के बाद दुल्हन गहने और सामान लेकर भाग जाती है. गिरोह के सदस्य ठगी की रकम आपस में बराबर बराबर बांट लेते थे. पुलिस ने गिरोह के सभी सदस्यों को गिरफ्तार कर लिया है. यह घटना न केवल घनश्याम के लिए सबक है, बल्कि समाज के लिए भी सबक है कि ऐसे गिरोह शादी के नाम पर ठगी कर रहे हैं, और सतर्कता से ही बचा जा सकता है.