चाय बेचने और तांगा चलाने के बाद कैसे आसुमन बना था आसाराम
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चाय बेचने और तांगा चलाने के बाद कैसे आसुमन बना था आसाराम

Rajasthan News: आसाराम को साल 2013 यानी 11 साल पहले रेप के मामले में गिरफ्तार किया गया था.  आसाराम का जन्म 17 अप्रैल 1941 को पाकिस्तान के सिंध इलाके के बैरानी गांव में हुआ था. वह तांगा चलाने के साथ चाय भी बेचता था. 

Asaram Bapu

Rajasthan News: 2013 से नाबालिग के साथ रेप के मामले उम्रकैद की सजा काट रहे आसाराम को SC से अंतरिम जमामत मिली है. SC ने आसाराम को खराब सेहत के आधार पर 31 मार्च तक अंतरिम जमानत दी है. 

बता दें कि आसाराम को 11 साल पहले रेप के मामले में गिरफ्तार किया गया था. बीते 11 साल से वह जेल में कैदी की वह जेल में कैदी बिता रहे हैं. आसाराम को गांधीनगर की अदालत ने रेप के मामले में सजा दी थी, जो जोधपुर की सेंट्रल जेल में सजा काट रहे हैं. साल 2013 में  आसाराम के खिलाफ रेप का मामला दर्ज हुआ था. वहीं, रेप 2001 से 2006 से बीच हुआ था. 

 
वहीं, आसाराम के साथ उनके बेटे नारायण साईं के खिलाफ भी  पीड़िता की बहन ने दुष्कर्म का मामला दर्ज करवाया था. साल 2019 अप्रैल के महीने में  नारायण साईं को आजीवन कारावास की सजा मिली थी. वहीं,  आसाराम पर साल 2013 में अहमदाबाद के चांदखेड़ा पुलिस थाने में मामला दर्ज हुआ था. 

दर्ज मामले के मुताबिक,  आसाराम ने अहमदाबाद के बाहर बने आश्रम में साल 2001 से 2006 के बीच पीड़िता के साथ कई बार रेप किया. आसाराम के अलावा पीड़िता ने 7 अन्य लोगों के खिलाफ भी दुष्कर्म और बंधक बनाने का मामला दर्ज करवाया था. इस मामले में आसाराम की पत्नी लक्ष्मी और बेटी भारती का नाम भा शामिल था. 

इस मामले में  सेशन कोर्ट के जज डीके सोनी ने आसाराम को दोषी माना और सजा दी. वहीं, बाकी 6 आरोपियों को सबूतों के अभाव होने से बरी कर दिया था. आसाराम खुद को 'भगवान' बता चुका है. 

 
जानकारी के मुताबिक, आसाराम का पुराना नाम आसुमन थाउमल हरपलानी था, जिसका जन्म 17 अप्रैल 1941 को पाकिस्तान के सिंध इलाके के बैरानी गांव में हुआ था. वहीं, जब बंटवारा हुआ तो आसाराम का परिवार अहमदाबाद रहने लगा. कहा जाता है कि आसाराम गुजर-बसर के लिए तांगा भी चलाता था. साथ ही चाय बेचने के साथ शराब का कारोबार भी किया. 

आसाराम की वेबसाइट मुताबिक, आसाराम भगवान को  पाने के लिए लीलाजी महाराज के पास गया. वहां से साधना सीखी, जिसके बाद  7 अक्टूबर 1964 को आसाराम को 'आत्म साक्षात्कार' हुआ. वहीं, इसके बाद ही आसुमन से 'आसाराम' बन गया, जो कई बार खुद का भगवान कह चुका है. 

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