Jalore News: सांचौर पुलिस का नकली व मिलावटी घी बेचने वालों पर चला चाबुक, 4 लोगों को किया गिरफ्तार
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Jalore News: सांचौर पुलिस का नकली व मिलावटी घी बेचने वालों पर चला चाबुक, 4 लोगों को किया गिरफ्तार

Jalore News: सांचौर पुलिस की नकली व मिलावटी घी बेचने वालों के विरूद्ध बड़ी कार्यवाही. मोमाइ मिल्क डेयरी से मिलावट घी के कुल 625 पैकेट एवं प्रयुक्त वाहन 1 पिकअप को किया जब्त. 4 अभियुक्त को किया गया गिरफ्तार.

Jalore News: सांचौर पुलिस का नकली व मिलावटी घी बेचने वालों पर चला चाबुक, 4 लोगों को किया गिरफ्तार

Jalore News: सांचौर पुलिस ने बड़ी कार्रवाई को अंजाम देते हुए मिलावटी और नकली घी बनाने की फैक्ट्री पर कार्रवाई करते हुए 625 पैकेट घी और एक पिकअप वाहन जब्त किया. इस मामले में चार आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है, जो नकली घी को सरस ब्रांड के नाम से पैक कर बाजार में बेच रहे थे.

पुलिस को सूचना मिली थी कि सांचौर के सिदेश्वर क्षेत्र में स्थित मोमाई मिल्क डेयरी में नकली घी बनाया जा रहा है और इसे सरस ब्रांड के नाम से पैक कर बाजार में बेचने की तैयारी की जा रही है. इस सूचना के आधार पर एसपी ज्ञानचंद्र यादव के निर्देशन में सांचौर थानाधिकारी देवेंद्र सिंह के नेतृत्व में पुलिस टीम ने फैक्ट्री पर छापा मारा. छापेमारी के दौरान वहां मौजूद चार लोग घी के टिन और पैकेट पैक करते हुए पाए गए.

जांच के दौरान फैक्ट्री में 72 लोहे के टिन 15 किलो के,148 पैकेट 500 एमएल, 30 पैकेट 1 किलो और 375 पैकेट 200 एमएल नकली घी बरामद किया गया. इन पैकेटों पर बैच नंबर, उत्पादन तिथि और वैधता की कोई जानकारी नहीं थी. इसके बाद पुलिस ने घी के सैंपल लेकर विधि अनुसार जांच शुरू की और पूरा माल जब्त कर लिया.

घी की गुणवत्ता की पुष्टि के लिए मौके पर सरस डेयरी रानीवाड़ा के सहायक प्रबंधक प्रकाश श्रीवास्तव गुण नियंत्रण अधिकारी और बीसीएमओ डॉ. ओमप्रकाश को बुलाया गया। जांच में पाया गया कि यह घी मिलावटी और नकली था, जिसे सरस ब्रांड के नाम से बेचने की तैयारी की जा रही थी.

पुलिस टीम ने दबिश देकर इस मामले में प्रतापाराम पुत्र हकमाराम निवासी बालेरा,मनोज पुत्र चैनाराम निवासी माखूपुरा,भारमल पुत्र छोगाजी निवासी रतोड़ा और चंपतलाल पुत्र चुन्नीलाल निवासी आमली को गिरफ्तार किया है पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ इस मामले में विभिन्न धाराओं में खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम 2006 तथा 102, 103 व्यापार चिन्ह अधिनियम 1999 के तहत मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है.

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