पहली बार झालावाड़ से जयपुर SMS मेडिकल कॉलेज तक हेलीकॉप्टर के जरिए हार्ट, लंग्स और किडनी का ट्रांसपोर्ट किया गया. इस प्रक्रिया ने 23 वर्षीय महिला को जीवनदान दिया.
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Rajasthan News: राजस्थान के चिकित्सा इतिहास में आज एक नया अध्याय जुड़ा. पहली बार झालावाड़ से जयपुर SMS मेडिकल कॉलेज तक हेलीकॉप्टर के जरिए हार्ट, लंग्स और किडनी का ट्रांसपोर्ट किया गया. इस प्रक्रिया ने 23 वर्षीय महिला को जीवनदान दिया, जो बचपन से हृदय और फेफड़ों की गंभीर बीमारी से जूझ रही थी.
यह ऑपरेशन SMS अस्पताल के बांगड़ हृदय विभाग में हो रहा है. डॉक्टर्स ने जन्मजात हृदय और फेफड़ों की समस्या से जूझ रही युवती का सफल ट्रांसप्लांट कर इतिहास रचेंगे.
मरीज युवती के पिता ने डॉक्टर्स को भगवान का रूप बताया. वहीं मां ने अपनी बेटी के इलाज को लेकर वर्षों के संघर्ष का उल्लेख करते हुए कहा कि हमने छह साल की उम्र में उसे कई अस्पतालों में दिखाया, लेकिन कोई समाधान नहीं मिला. SMS के डॉक्टर्स ने ट्रांसप्लांट की पहल की और आज मेरी बेटी को नया जीवन मिला है.
हेलीकॉप्टर से किया गया ऑर्गन ट्रांसपोर्ट, पहली बार SMS कॉलेज में उतरा हेलीकॉप्टर
झालावाड़ से जयपुर तक का सफर हेलीकॉप्टर ने मात्र 1 घंटे 10 मिनट में तय किया. हेलीकॉप्टर SMS मेडिकल कॉलेज के ग्राउंड पर उतरा, जहां अस्थायी हेलीपेड तैयार किया गया था. यहां हार्ट, लंग्स और एक किडनी को उतारा गया. शेष ऑर्गन-लिवर और दूसरी किडनी-को फ्यूल भरने के बाद जोधपुर एम्स के लिए रवाना किया गया.
यह पहली बार था जब SMS कॉलेज के ग्राउंड पर हेलीकॉप्टर लैंडिंग हुई. मेडिकल टीम ने इसे एक बड़ी उपलब्धि बताते हुए कहा कि इस तरह के ट्रांसपोर्ट से क्रिटिकल समय बचाया जा सकता है. कुछ जरुरी दवा हमे इस ट्रांसप्लांट में पड़ी जो हमने देर रात चेन्नई से मंगवाई गई, पहले भी ट्रांसप्लांट हुए है लेकिन लंग्स का पहली बार हो रहा है ये हमारे डॉक्टर्स और सभी के लिए खुशी की बात है.
महिला को मिला नया जीवन, डॉक्टर्स और परिवार ने साझा की भावनाएं
ऑपरेशन के बाद महिला की मां ने कहा कि यह दिन हमारे लिए किसी चमत्कार से कम नहीं है. SMS के डॉक्टर्स ने जो किया, वह असंभव को संभव करने जैसा है.
महिला के पिता ने ऑपरेशन में जुटी टीम के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि डॉक्टर्स वाकई भगवान का रूप होते हैं. हमारी बेटी को नया जीवन देकर उन्होंने हमें उम्मीद दी है.
जोधपुर के लिए रवाना हुए लिवर और किडनी
ऑर्गन ट्रांसपोर्ट के इस अभियान के तहत जोधपुर एम्स को भी लिवर और एक किडनी भेजा गया. हेलीकॉप्टर ने जयपुर से फ्यूल भरने के बाद इसे जोधपुर पहुंचाया, जहां एक जरूरतमंद मरीज को ट्रांसप्लांट किया जाएगा.
राजस्थान में पहली बार एयरलिफ्ट से ऑर्गन ट्रांसपोर्ट कर मरीजों को जीवनदान दिया गया. हेलीकॉप्टर की मदद से समय बचाया गया और यह सुनिश्चित किया गया कि ऑर्गन समय पर पहुंच सके. SMS मेडिकल कॉलेज के डॉक्टर्स ने कहा कि यह शुरुआत है, आने वाले समय में इस तरह के ट्रांसपोर्ट के जरिए और भी कई लोगों की जान बचाई जा सकेगी.
मेडिकल क्षेत्र में नई उम्मीद की किरण
बहरहाल ऑर्गन ट्रांसपोर्ट का यह अभियान न केवल चिकित्सा के क्षेत्र में एक बड़ी उपलब्धि है, बल्कि यह उन परिवारों के लिए भी उम्मीद की किरण है, जो लंबे समय से इलाज की आस में हैं. राज्य में यह पहली बार था, जब हवाई मार्ग से अंगों को ट्रांसपोर्ट किया गया और यह सफलता अन्य राज्यों के लिए भी प्रेरणास्त्रोत बनेगी.