Bikaner News: भारत में 80 प्रतिशत लोग खेती पर निर्भर हैं. किसान को देश का अन्नदाता कहा जाता है. परन्तु भारत-पाक अंतराष्ट्रीय बॉर्डर के नजदीक खाजूवाला में हकीकत कुछ और है...
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Bikaner News: भारत में 80 प्रतिशत लोग खेती पर निर्भर हैं. किसान को देश का अन्नदाता कहा जाता है. परन्तु भारत-पाक अंतराष्ट्रीय बॉर्डर के नजदीक खाजूवाला में हकीकत कुछ और है. यहां का अन्नदाता किसान कभी सिंचाई पानी के लिए तो कभी खाद के लिए तो कभी सरकारी खरीद के लिए, कभी फसल बेचने के लिए टोकन के लिए, कभी फसल बीमा क्लेम के लिए प्रशासन के आगे गुहार लगाता नजर आता हैं.
सिंचाई पानी और किसान का चोली दामन का साथ है. लेकिन उसी सिंचाई पानी की मांग को लेकर किसानों को बार बार सड़को पर उतरना पड़ता है. अन्तिम छोर के किसानों को हर रोज सिंचाई विभाग व उपखण्ड कार्यालय में समस्याओं के समाधान के लिए आवेदन देने पड़ते हैं. लेकिन सिंचाई विभाग द्वारा हर बार सिर्फ आश्वासन ही मिलता हैं समस्याओं का कभी समाधान नहीं हुआ हैं.
क्षेत्र के बीडी, केवाईडी, केजेडी आदि नहरों व माइनरों के अन्तिम छोर का किसान को अपने ही हक के वरीयता क्रम में पानी लेने के लिए संघर्ष करना पड़ता हैं. केवाईडी नहर की आरडी 145 पर किसान अपने हक के पानी के लिए शुक्रवार से धरने पर बैठे हैं. इस कड़ाके की ठंड में किसान अपने हक के लिए धरने पर बैठे हैं. वही सिंचाई विभाग के अधिकारी धरना स्थल पहुंचे लेकिन वार्ता विफल रही.
किसान शिवदत्त सीगड़, रामकुमार गोदारा व दौलतराम ने बताया कि शनिवार को धरने के दूसरे दिन सिंचाईं विभाग के सहायक अभियंता गोविंदराम व कनिष्क अभियंता दीपक किसानों से वार्ता करने पहुंचे. किसानों ने मांग रखी कि खाजूवाला के केवाईडी नहर का पूर्ण निर्माण होने के बावजूद भी नहर के अन्तिम छोर पर वरीयताक्रम में पूरा पानी नहीं मिल रहा है.
उच्चाधिकारियों की उदासीनता तथा राजनीति दबाव के कारण केवाईडी नहर के इन माईनरों पीएचएम, पीडब्ल्यूएम, केवाईएम, सिसाड़ा-1 व 2 व चक 27 केवाईडी बी आदि के क्रष्टों को आज तक सही नहीं किया गया है. बार-बार गुहार करने के बावजूद भी सिवाय आश्वासन के अलावा कुछ नहीं कर रहे है. इसलिए इसी बन्दी में उपरोक्त माईनरों व मोघों को सही किया जावे.
इसी के साथ ही केवाईडी नहर के 30 केवाईडी के मोघों को अधीक्षण अभियन्ता की स्वीकृति व कमेटी नियुक्त होने के बावजूद सही नहीं किया गया है. उसे भी सही किया जावे. अधिकारियों ने समस्या सुनी लेकिन कोई संतोषजनक आश्वाशन नही दिया, जिससे किसानों ने धरना आगामी जारी रखने की घोषणा की है. वहीं सैकड़ो किसानों ने प्रदर्शन किया. वहीं किसानों ने सिंचाई विभाग पर भ्रष्टाचार का भी आरोप लगाया. प्रदेश में सरकार किसी भी राजनीतिक दल की हो किसानों को अपनी मांगों को लेकर हमेशा सता के गलियारों का दरवाजा प्रदर्शन के माध्यम ऐसे खटखटाना पड़ता है.