Shame : पिता रोटी है, कपड़ा है, मकान है और बूढ़ा हो जाए तो बेटे पर भार है
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Shame : पिता रोटी है, कपड़ा है, मकान है और बूढ़ा हो जाए तो बेटे पर भार है

एमजी हॉस्पिटल के एक कोने में बैठे इस पिता के पास अपना घर है, पाल पोस कर बड़े किए बच्चे हैं, सब कुछ तो है फिर भी जिंदगी अस्पताल के कोने में अपने जख्मों और दान में दिए खाने के सहारे चल रही है.

Shame : पिता रोटी है, कपड़ा है, मकान है और बूढ़ा हो जाए तो बेटे पर भार है

Shame : भीलवाड़ा में इंसानियत को शर्मसार कर देने वाली तस्वीर सामने आई है, यहां कलयुगी बेटे ने जमीन जायदाद और पैसों के लालच में अपने ही पिता के साथ बेरहमी से मारपीट करते हुए, उसे घर से बेदखल कर दिया. अब भूख और जख्मों से पीड़ित पिता न्याय के लिए दर-दर की ठोकरें खा रहा है. एमजी हॉस्पिटल के परिसर में बैठा पिता इस उम्मीद में है कि सरकार से कोई मदद मिल सकेगी.

पीड़ित पिता की पूरी कहानी
पहुना निवासी 77 वर्षीय नंदलाल पिता वरदा लाल गुर्जर ने बताया कि उसके चार बेटे है और एक बहु,  जमीन जायदाद और पैसों के लालच में ना सिर्फ उसके साथ कई दिनों तक मारपीट की गयी. बल्कि उसे इतना प्रताड़ित किया की उसकी मानसिक स्थिति ही बिगड़ गई और जीना भी दुबर हो गया है. हद तो तब हो गई जब उसके चारों बेटे शैतान गुर्जर, गोपाल गुर्जर, और भूरा लाल गुर्जर के साथ ही अन्य बेटे और बहू ने उसे मारपीट कर घर से ही बेदखल कर दिया.

शरीर पर गंभीर चोट के निशान लिए भूखा प्यासा या पीड़ित वृद्ध भीलवाड़ा शहर में महात्मा गांधी चिकित्सालय के बाहर पहुंचा और राह चलते लोगों से मदद की गुहार लगाने लगा. इस दौरान कुछ भामाशाह, उसकी मदद के आगे आये और उसे महात्मा गांधी चिकित्सालय की कैंटीन में भोजन कराने के साथ ही हॉस्पिटल में भर्ती करवाकर उपचार शुरू करवाया.

फिलहाल इस वृद्ध का हॉस्पिटल में इलाज जारी है. वही ओपीडी में मौजूद डॉक्टरों का कहना है के शरीर पर चोट के निशान पुराने हैं और कुछ हद तक वृद्ध की मानसिक स्थिति भी ठीक नहीं लग रही है. डॉक्टरों का कहना है कि फिलहाल वृद्ध को भर्ती कर उनका उपचार शुरू कर दिया गया है, गहनता से चिकित्सकीय जांच के बाद ही स्पष्ट हो पाएगा की उसके साथ किसने और किस हद तक घटना अंजाम दी है. पीड़ित वृद्ध को अब उम्मीद है तो सरकार की किसी योजना से उनको मदद मिलेगी. 

सीएम गहलोत भी बुजुर्गों की सोशल सिक्योरिटी को बता चुके है प्राथमिकता
हाल ही में जयपुर में राष्ट्रीय वरिष्ठ नागरिक सम्मान समारोह को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने ये स्पष्ट किया था कि वृद्ध नागरिकों को सोशल सिक्योरिटी देना सरकार की पहली प्राथमिकता है, लेकिन धरातल पर उनके इस बयान की हकीकत को ये घटना उजागर करती है.

मुख्यमंत्री गहलोत ने इस समारोह को संबोधित करते हुए वृद्धजनों के सम्मान के लिए बड़े-बड़े दावे किए. सोशल सिक्योरिटी देने के साथ ही महंगाई के हिसाब से महंगाई भत्ता सहित बुजुर्गों के सामने आई समस्याओं के समाधान की बात कही और केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए. रेलवे में बुजुर्गों को टिकट पर मिलने वाले कंनेक्शन को बंद करने के मामले पर भी सवाल खड़े किए थे. यही नहीं उन्होंने ये भी स्पष्ट किया था कि वरिष्ठ जन कल्याण बोर्ड बनाया गया है. जिसमें मां-बाप की सेवा करना जरूरी किया गया है. 

रिपोर्टर- दिलशाद खान

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