एकछत्र राज से सत्ता का अंहाकार ठीक नहीं... जब तमिलनाडु के राज्यपाल ने CM स्टालिन को लगाई फटकार
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एकछत्र राज से सत्ता का अंहाकार ठीक नहीं... जब तमिलनाडु के राज्यपाल ने CM स्टालिन को लगाई फटकार

Tamil Nadu News: पोस्ट में कहा गया, ‘अपने असली इरादे दिखाने के लिए उन्हें धन्यवाद. उन्होंने दिखा दिया कि वह उस विचारधारा को मानते हैं और उस गठबंधन के नेता हैं जो भारत का एक राष्ट्र के तौर पर सम्मान नहीं करता और संविधान को स्वीकार नहीं करता. मत भूलिए कि भारत माता सर्वोच्च है. इस तरह का निर्लज्जतापूर्ण अपमान बर्दाश्त नहीं करेंगे.’

एकछत्र राज से सत्ता का अंहाकार ठीक नहीं... जब तमिलनाडु के राज्यपाल ने CM स्टालिन को लगाई फटकार

Tamil Nadu Raj Bhavan Vs MK Stalin: तमिलनाडु राजभवन ने राष्ट्रगान विवाद के बीच राज्यपाल आरएन रवि पर मुख्यमंत्री एमके स्टालिन की टिप्पणी को बचकाना बताते हुए पलटवार किया है. राजभवन से जारी पत्र के मुताबिक, 'ऐसा अहंकार ठीक नहीं है, खासकर सत्ता का अहंकार गलत है. इसके साथ ही संविधान का अपमान बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. तमिलनाडु के राज्यपाल आरएन रवि (Tamil Nadu Governor RN Ravi) के विधानसभा से अचानक वॉकआउट करने पर उठे विवाद के बीच राजभवन की प्रतिक्रिया आई है. राजभवन ने सोशल मीडिया पर पोस्ट में कहा कि लोग देश और संविधान का कोई भी ‘निर्लज्जतापूर्ण अपमान’ बर्दाश्त नहीं करेंगे.

अपमान बर्दाश्त नहीं करेंगे

पोस्ट में कहा गया, ‘अपने असली इरादे दिखाने के लिए उन्हें धन्यवाद. उन्होंने दिखा दिया कि वह उस विचारधारा को मानते हैं और गठबंधन के नेता हैं जो भारत का एक राष्ट्र के तौर पर सम्मान नहीं करता और संविधान को स्वीकार नहीं करता. ऐसा अहंकार ठीक नहीं है. कृपया ये न भूलें कि भारत माता सर्वोच्च है और उसके बच्चों की संविधान में सर्वोच्च आस्था है. वे इस तरह के निर्लज्जतापूर्ण अपमान को बर्दाश्त नहीं करेंगे.’

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स्टालिन ने राज्यपाल पर किया था पर्सनल अटैक

स्टालिन ने राज्यपाल रवि को 'बेतुका' और 'बचकाना' कहा था, क्योंकि उन्होंने 6 जनवरी को सत्र शुरू होने से पहले राष्ट्रगान नहीं बजाए जाने के विरोध में अपना पारंपरिक भाषण दिए बिना विधानसभा से वॉकआउट कर दिया था.

स्टालिन ने आरोप लगाया था- 'राज्यपाल इस बात को हजम नहीं कर पा रहे हैं कि तमिलनाडु विकास कर रहा है ऐसे में विधानसभा को संबोधित न करने का उनका फैसला ‘बचकाना’ था'.

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हालांकि राजभवन ने बाद में कहा था कि वह ‘गहरी पीड़ा’ में थे, क्योंकि राष्ट्रगान का धुन नहीं बजाया गया था. मुख्यमंत्री ने शनिवार को राज्य विधानसभा में कहा था कि वर्ष 2022 में रवि ने बिना किसी बदलाव के अपना अभिभाषण दिया, लेकिन उसके बाद के तीन साल उन्होंने ‘बेतुके’ कारणों का हवाला देते हुए अपना पारंपरिक संबोधन देने से परहेज किया. (एजेंसी इनपुट)

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