India Alliance: अखिलेश की सपा, ममता की टीएमसी और आम आदमी पार्टी कांग्रेस पर ही हमलावर है. इन सबके बीच टीएमसी सुप्रीमो ममता बनर्जी की एक नई किताब चर्चा में है. इस किताब में ममता ने कांग्रेस के धागे खोल दिए हैं.
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Mamata Blames Congress: लोकसभा चुनाव जब हो रहे थे तो विपक्षी इंडिया गठबंधन के नेताओं ने जोरदार बैठकों से एनडीए गठबंधन पर दबाव बनाया. चुनाव परिणाम पर इसका असर भी पड़ा. लेकिन धीरे-धीरे राज्यों के चुनाव आते गए तो यह गठबंधन कमजोर पड़ता दिखाई. मौजूदा दौर में दिल्ली के चुनाव में तो आलम यह है कि कांग्रेस अकेली खड़ी दिख रही है. अखिलेश की सपा ममता की टीएमसी और आम आदमी पार्टी कांग्रेस पर ही हमलावर है. इन सबके बीच टीएमसी सुप्रीमो ममता बनर्जी की एक नई किताब चर्चा में है. इस किताब में ममता ने कांग्रेस के धागे खोल दिए हैं. उन्होंने लोकसभा चुनावों में बीजेपी की लगातार तीसरी जीत के लिए कांग्रेस को सीधे जिम्मेदार ठहराया है.
दरअसल, मंगलवार को कोलकाता इंटरनेशनल बुक फेयर में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने की तीन नई किताबें लॉन्च हुईं हैं. इसमें से ‘बंगालर निर्वाचन ओ अमरा’ नामक किताब में उन्होंने 2024 चुनावों का विश्लेषण किया है. इसमें ममता बनर्जी ने लिखा कि तृणमूल कांग्रेस की पूरी कोशिश के बावजूद विपक्षी गठबंधन INDIA चुनावी सफलता हासिल नहीं कर सका क्योंकि कांग्रेस ने सही तरीके से नेतृत्व नहीं किया.
ममता बनर्जी ने दावा किया कि शुरुआत से ही उन्होंने एक साझा न्यूनतम कार्यक्रम और साझा घोषणापत्र पर जोर दिया था लेकिन कांग्रेस ने इस पर ध्यान नहीं दिया. विपक्षी दलों के बीच आपसी मुकाबले की वजह से बीजेपी को फायदा मिला और वह फिर से सत्ता में आ गई. इतना ही नहीं बंगाल के चुनावों को लेकर ममता बनर्जी ने लिख कि राज्य में कांग्रेस और वाम दलों के बीच सीटों का समझौता केवल दिखावा था. वास्तव में उनका गठबंधन गुप्त रूप से बीजेपी के साथ मिलकर तृणमूल कांग्रेस को कमजोर करने की रणनीति पर काम कर रहा था.
इसके अलावा ममता ने तृणमूल की सफलता का श्रेय राज्य सरकार की विकास योजनाओं और जनता के समर्थन को दिया. मालूम हो कि सिर्फ पश्चिम बंगाल की बात करें तो 2024 लोकसभा चुनावों में तृणमूल कांग्रेस ने 29 सीटें जीतीं, जो 2019 में मिली 22 सीटों से अधिक थीं. दूसरी ओर, बीजेपी की सीटें घटकर 12 रह गईं, जो 2019 में 18 थीं. कांग्रेस को सिर्फ 1 सीट मिली, जबकि वाम मोर्चा एक भी सीट नहीं जीत सका.
वर्तमान राजनीतिक हालात में एक्सपर्ट्स का साफ मानना है कि कांग्रेस भले ही पहले से कुछ मजबूत दिख रही हो लेकिन क्षेत्रीय पार्टियां उसे बहुत भाव देने के मूड में नहीं है. इसका प्रमाण ही है कि ममता बनर्जी ने नए सिरे से कांग्रेस पर हमला बोला है. उधर दिल्ली में कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के बीच तीखी तकरार देखने को मिल रही है. इसके अलावा समाजवादी पार्टी ने भी दिल्ली में आम आदमी पार्टी को ही समर्थन देने का फैसला किया है. क्या भविष्य में इंडिया गठबंधन जारी रहेगा.. यह तो कांग्रेस पर ही निर्भर करने वाला है.