Gwalior Surya Grahan:सूर्य ग्रहण के चलते सूतक लगने से पहले ही शहर के सभी प्राचीन मंदिरों को बंद कर दिया गया था.
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Gwalior Surya Grahan 2022: सूर्य ग्रहण की समाप्ति के बाद मंदिरों के पट आम श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए गए हैं. इससे पहले मंदिरों में शुद्धिकरण किया गया और इसकी साफ-सफाई आदि की गई. ग्रहण के चलते सूतक लगने से पहले ही शहर के सभी प्राचीन मंदिरों को बंद कर दिया गया था. अब ग्रहण का मोक्ष काल हुआ तो मंदिरों को फिर से आम श्रद्धालुओं के लिए खोला जा रहा है. गौरतलब है कि सूर्य ग्रहण के समय को अशुभ माना जाता है. ऐसे में इस समय सभी दैनिक जीवन से जुड़े सभी प्रकार के कार्य वर्जित होते हैं. यहां तक की सूर्य ग्रहण के सूतक काल से ही खाने पीने से भी परहेज किया जाता है.
रतलाम में सड़कें हुईं सुनसान
वहीं मध्यप्रदेश के रतलाम में सूर्य ग्रहण की सूर्यास्त से पहले की तस्वीर लोगों ने अपने कैमरे में कैद की.शाम साढ़े पांच बजे के बाद सूर्यास्त होने लगा ऐसे में ग्रहण की तस्वीरों को लोगों ने अपने कैमरे में कैद किया. हालांकि सूर्यग्रहण का डर भी देखने को मिला. जिसके चलते सड़कें सूनी हो गयी और लोग घरों में जाने लगे.
जानिए कब लगता है आंशिक सूर्यग्रहण
दरअसल आंशिक सूर्यग्रहण तब होता है जब चंद्रमा पृथ्वी और सूर्य के आंशिक रूप में आता है, जिससे पृथ्वी के स्थान विशेष से देखने पर सूर्य का आधा भाग ही नजर आता है, उसे आंशिक सूर्यग्रहण कहते हैं. वैज्ञानिक दृष्टिकोण से ग्रहण का लगना एक खगोलीय घटनाक्रम है जब चंद्रमा पृथ्वी और सूर्य के मध्य होकर गुजरता है.
बता दें कि इस खगोलीय घटना को भारत में अंडमान निकोबार द्वीप समूह और उत्तरी पूर्वी भारत को छोड़कर पूरे भारत में देखा जा सकता है. मध्य प्रदेश में 04:35 से 04:50 के मध्य स्थान की स्थिति अनुसार हुई और बात भोपाल व उज्जैन की करें तो भोपाल में 04:42: 04 बजे शुरुआत हुई, जो 05:38 तक रही.वहीं उज्जैन में 04:00 बज कर 41 मिनट पर प्रारंभ हुआ, जो 05:00 बजकर 38 मिनट तक रहा.