Sagar Ramleela: एमपी के सागर जिले (Sagar District in MP)में एक ऐसी रामलीला होती है जो ऐतिहासिकता (Historical Ramlila) का प्रमाण देती है. आपको बता दें कि यह रामलीला बीते 118 सालों से हो रही है. अंग्रेजों के शासन काल से शुरू हुई इस रामलीला की भब्यता के कायल लोग आज भी हैं.
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Sagar Ramleela News: विलुप्त होती हुई संस्कृतियों के बीच और आधुनिकता की इस भीड़ में भी सागर जिले (Sagar District) ने अपनी तहजीबें संभाल के रखी है. इस जिले में बीते 118 सालों से रामलीला (Ramleela) का मंचन किया जा रहा है. लोग बताते हैं कि ये मंचन (Ramlila staging)अंग्रेजों के शासन (British rule) काल से ही किया जा रहा है. एक समय ऐसा था कि जब अंग्रेजो के निर्णय के बिना कोई काम नहीं होता था इसके बावजूद भी यहां पर रामलीला का मंचन किया जाता था और अंग्रेजों ने कभी कोई बाधा नहीं पंहुचाई. बता दें कि ये रामलीला सागर जिले में साल 1905 से हो रही है.
क्या है रामलीला के ऐतिहासिकता की कहानी
सागर जिले की इस रामलीला की बात करें तो यह 1905 में शुरू हुई थी. इसकी शुरूआत सागर से करीब 25 किमी दूर ग्राम देवलचौरी के मालगुजार छोटेलाल तिवारी ने वसंत पंचमी के दिन की थी. इसके बाद से आज तक वसंत पंचमी के दिन हर साल रामलीला मंचन किया जाता है. इस रामलीला की सबसे बड़ी खासियत यह है कि यहां पर न कोई रामलीला मंडली है और न ही बाहर से कोई कलाकार बुलाया जाता है बल्कि गांव के ही लोग इस रामलीला में किरदार निभाते हैं.
चबूतरा से शुरू हुई थी रामलीला
गांव के 97 वर्षीय मनोहर ने रामलीला को लेकर बताया कि जबसे वो जानकार हुए तब से ही वो रामलीला का मंचन होते हुए देख रहें हैं. उन्होने कहा कि ब्रिटिश हुकूमत के समय चबूतरे पर रामलीला होती थी. इस दौरान लोगों में ऐसा उत्साह था कि लोग बेंच पर लकड़ियों से सहारे पालकी बनाते थे और झांकी निकालते थे जिसकी घक - घर पर आरती होती थी. इसके अलावा उन्होने बताया कि रामलीला मंचन को लेकर अंग्रेजो ने कभी कोई बाधा नहीं पंहुचाई लेकिन देश की आजादी के बाद और भी भब्य तरीके से मंचन किया जाने लगा.
परंपरा को सहेज कर रखना मकसद
रामलीला मंचन को लेकर गांव वालों का कहना है कि रामलीला के जरिए परंपरा को सहेज कर रखना उनका मकसद है. बीते 118 सालों से रामलीला का मंचन किया जा रहा है. रामलीला का मंचन करने वाले लोग गांव के ही निवासी हैं इसमें से कोई शिक्षक है तो कोई व्यवसायी तो कोई और किसी अन्य क्षेत्र में काम करता है. लेकिन रामलीला के मंचन के समय यानि की वसंत पंचमी के दिन हर कोई समय निकालकर रामलीला का मंचन करने पंहुचता है. इस रामलीला को देखने के लिए सागर जिले सहित और भी कई जिले के लोग आते हैं.