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MP की इस कब्र पर हाजिरी लगाने से मिल जाता है अधूरा प्यार, पत्ते पर लिखा जाता है प्रेमी का नाम

mp news-जब प्यार का जिक्र होता है तो हर कोई खिल उठता है क्योंकि प्यार वो खूबसूरत एहसास है, जिसे लफ्जों में बयां करना मुश्किल होता है, इसे सिर्फ महसूस किया जा सकता है. अपने प्यार को पाने के लिए लोग किसी भी हद तक जाने को तैयार होते हैं, कई आशिक को किसी भी हद से गुजर भी जाते हैं. मध्यप्रदेश के चंदेरी में एक स्थान ऐसा भी जहां पौधों पर नाम लिखने से प्यार मुकम्मल हो जाता है. 

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अशोकनगर जिले के चंदेरी में प्रसिद्ध संगीतकार बैजू बावरा की समाधि है. यहां पहुंचने वाले लोग पौधों पर अपने प्रेमी का नाम लिखते है. आशिक बैजू बावरा की समाधि पर पहुंचते हैं और वहां लगे पौधों पर अपने प्रेमी का नाम लिखते हैं, उनको विश्वास है कि उन्हें उनका प्यार जरूर मिल जाएगा.

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लोगों का मानना है कि बैजू बावरा की समाधि पर मन्नत मांगने पर सभी मुरादें पूरी हो जाती हैं, लोग यहां पहुंचकर अपने प्रयार को पाने के लिए प्रेमी का नाम लिखकर अर्जी लगाते हैं. उन्हें भरोसा रहता है कि ऐसा करने से उसे उसका प्यार मिल जाएगा. 

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बैजू बावरा महान संगीतकार होने के साथ ही आशिक भी थे. जिससे ये मान्यता है कि उनकी समाधि पर आकर पत्ते पर नाम लिखने से अधूरा प्यार पूरा हो जाता है. लोग अपने अधूरे प्यार को पाने की आस में यहां पहुंचते हैं. 

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चंदेरी में मौजूद बैजू बावरा कि समाधि स्थल पर बने कैक्टस गार्डन के काँटों भरे पौधे और उनकी पत्तियों पर अनगिनत प्रेमी जोड़ों के नाम खुदे हुए हैं. 

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कहा जाता है कि बैजू युवा हुए तो चंदेरी की कलावती नामक युवती से उनको प्रेम हो गया. बैजू की प्रेयसी उनके लिए प्रेरणास्रोत बन गई. संगीत और गायन के धुनी बैजू कलावती प्यार में भी पागल हो गए. लिहाजा लोग उन्हें बैजू बावरा कहने लगे

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कश्मीर के राजा के दरबार में राज गायक अपने शिष्य के पास अंतिम समय व्यतीत कर रहे बैजू, एक दिन गाते-गाते घने जंगल में निकल गए, और फिर कभी वापस नहीं आए. 

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बैजू जब लंबे समय तक वापस नहीं लौटे तो उनके प्रशंसकों ने चंदेरी में उनकी समाधि बनवा दी. उनकी समाधि पर लोग आकर प्यार के मुकम्मल के पूरे होने की दुआ करते हैं.