MP News: मध्य प्रदेश सरकार (MP Government) की लाडली बहना योजना की नई गाइडलाइन (Guideline) जारी हुई है. इसके तहत कहा गया है कि इसका लाभ सिर्फ निम्न स्तर के अलावा मिडिल क्लास फैमिली (Middle class family) को भी मिलेगा. योजना के अंतर्गत बहनों के खाते में हर महीने 1000 रूपए भेजे जाएंगे.
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Ladli Bahna Yojana MP: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh)में इसी साल विधानसभा चुनाव (Assembly Election MP)है. ऐसे में शिवराज सरकार (Shivraj Sarkar) जनता को साधने का एक भी मौका नहीं छोड़ रही है. इस बार सरकार ने लाडली बहना योजना के तहत आधी आबाद यानि की प्रदेश की महिलाओं में अपनी पैठ बनाने की होड़ में लगी है. लाडली बहना की नई गाइडलाइन में कहा गया है कि इस योजना का लाभ सिर्फ निम्न स्तर की महिलाओं को ही नहीं दिया जाएगा. बल्कि इसका लाभ मिडिल क्लास फैमिली को भी दिया जाएगा.
महत्वाकांक्षी योजना
लाडली बहना योजना शिवराज सरकार की सबसे महत्वाकांक्षी योजनाओं में से एक है. इस योजना के माध्यम से प्रदेश भर की महिलाओं के खाते में सरकार हर महीने 1000 रूपए की पेंशन दी जाएगी. गाइडलाइन के अनुसार इसमें लाभ लेने के लिए 5 मार्च से फार्म भरे जाएंगे.
इनको मिलेगा योजना का लाभ
लाडली बहना योजना की गाइडलाइन में कहा गया है कि जिन मध्यम वर्गीय परिवार के पास 5 एकड़ से कम जमीन होगी उन बहनों को इस योजना के तहत लाभ मिलेगा और उन्हें 1000 रूपए महीने पेंशन के रूप में दिए जाएंगे. इसके अलावा वार्षिक आय ढाई लाख रूपए से अधिक नहीं होनी चाहिए. इसके जरिए हर महीने करीब एक करोड़ बहनों को लाभ मिल सकता है. सीएम के निर्देश के बाद ये पात्रता सूची में आने वाले लोगों के लिए जारी कर दी गई है.
ये दस्तावेज होंगे अनिवार्य
आगामी पांच मार्च से अस योजना के तहत आवेदन फॅार्म भरे जाएंगे. गाइडलाइन के अनुसार इसमें कई दस्तावेजों की भी आवश्यकता होगी. इसमें सबसे पहले महिला को एमपी का निवासी होना चाहिए. इसके अलावा बहनों के पास अपना आधार कार्ड, आय प्रमाण पत्र, मतदाता परिचय पत्र, राशन कार्ड, बैंक डिटेल के साथ- साथ मांगे गए अन्य दस्तावेजों की जरूरत हो सकती है.
व्यय होंगे 60 हजार करोड़
लाडली बहना योजना के तहत हर महीने लगभग 1 करोड़ बहनों को इसका लाभ दिया जाएगा. इसके तहत उनके खाते में हर महीने 1000 रूपए पेंशन भेजी जाएगी. अगर हम सरकारी खर्च की बात करें तो हर साल 12000 करोड़ रूपए का अतिरिक्त खर्च पड़ेगा. जबकि पांच सालों में इस योजना के तहत 60 हजार करोड़ रूपए खर्च किए जाएंगे.