मध्य प्रदेश में जितनी भी बिल्डिंग और इमारतें बिना परमिशन और नियम विरुद्ध बनाई गई हैं. उनकी जांच के निर्देश नगरीय प्रशासन विभाग की तरफ से दिए गए हैं. 15 दिन के अंदर ऐसी सभी बिल्डिंगों की जानकारी जुटाने के निर्देश जारी किए गए हैं.
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आकाश द्विवेदी/भोपाल। मध्य प्रदेश में बिना परमिशन और गलत तरीके से बनाई गई बिल्डिंगों का पता लगाया जाएगा. इसके लिए सर्वे करने के निर्देश जारी किए गए हैं. नगरीय प्रशासन विभाग ने प्रदेश के सभी नगर निगम, नगर पालिका और नगर परिषदों के वरिष्ट अधिकारियों को पत्र लिखकर ऐसी बिल्डिंगों की जानकारी मांगी है, जो नियम विरुद्ध और बिना परमिशन के बनाई गई हैं. इन सभी पर कार्रवाई करने की बात कही गई है.
15 दिन में सभी बिल्डिंगों का पता लगाने के दिए निर्देश
नगरीय प्रशासन विभाग ने अगले 15 दिनों में मध्य प्रदेश में बिना परमिशन की बनी बिल्डिंगों का सर्वे करने के निर्देश दिए हैं. इसके अलावा जिन बिल्डिंगों का अनुमति से ज्यादा निर्माण किया गया है उनका भी सर्वे किया जाएगा. नगरीय प्रशासन विभाग ने सभी नगर निगम, नगर पालिका और नगर परिषद को कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं. नगरीय प्रशासन के नोटिस में कहा गया है कि ऐसी बिल्डिगों जो बहुमंजिला हैं और नियमों को ताक पर रख कर बनाई गई हैं. इन सभी की जानकारी जुटाई जा रही है. इसके अलावा अब हर महीने की 7 तारीख को पिछले महीने की कार्रवाई की भी जानकारी देनी होगी.
आगजनी की घटनाओं के बाद अलर्ट है प्रशासन
दरअसल, जबलपुर की निजी अस्पताल में हुई आगजनी की घटना और फिर उसके बाद इंदौर में भी हुई घटना के बाद प्रशासन अलर्ट है. इंदौर की रेसिडेंशियल बिल्डिंग और जबलपुर के प्राइवेट हॉस्पिटल में आगजनी की घटना हुई थी. जिसमें 15 लोगों की मौत हो गई थी. इसके अलावा हर दिन शहरों से आगजनी की छोटी बड़ी घटनाएं सामने आती रहती है. घटना के बाद जांच में कई प्रकार की लापरवाहियां पाई जाती हैं.
इसलिए अब ऐसी सभी बिल्डिंगों की जांच की जा रही है जो पैमाने पर खरी नहीं उतर रही. इनमें भी उन बिल्डिंगों की खासतौर से जांच की जाएगी जो नियमों के खिलाफ बनी है या फिर अवैध तरीके से बनाई गई है . नगरीय प्रशासन ने ऐसी सभी बिल्डिंगों पर कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं.
NOC पर भी बड़ा कदम उठा रही है प्रदेश सरकार
बताया जा रहा है कि नगरीय प्रशासन विभाग जल्द ही NOC पर भी बड़ा कदम उठाएगा. अब प्रदेश में प्रोविजनल फायर NOC बंद करने की तैयारी हो चुकी है. अब बिल्डिंग बनने और फायर सेफ्टी जांचने के बाद टेंपरेरी एनओसी दी जाएगी. यह एनओसी निकाय द्वारा दिया जाता था. अभी तक एक साल के भीतर यह टेंपरेरी एनओसी देने का नियम है. यह एनओसी तब दी जाती है, जब निकाय फायर सेफ्टी के सारे पैमानों की जांच कर लें, जबकि प्रोविजनल एनओसी नक्शे, बिल्डिंग परमिशन, मालिकाना हक समेत अन्य जरूरी दस्तावेजों के आधार पर ही दे दी जाती है. लेकिन अब एनओसी देने का नियम बदला जा रहा है.