खंडवा का ये मामला तो फिल्मी है! चप्पल में छिपाकर जेल में पहुंचाया जा रहा था मोबाइल, फिर...
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खंडवा का ये मामला तो फिल्मी है! चप्पल में छिपाकर जेल में पहुंचाया जा रहा था मोबाइल, फिर...

खंडवा जेल में अपरहण और बलात्कार के मामले बंद एक कैदी को मोबाइल पहुंचाने की कोशिश की गई. मोबाइल को चप्पल में छिपाया गया था और उसे कैदी तक पहुंचाने की पूरी तैयारी कर ली गई थी. 

खंडवा का ये मामला तो फिल्मी है! चप्पल में छिपाकर जेल में पहुंचाया जा रहा था मोबाइल, फिर...

प्रमोद सिन्हा/खंडवा। आपने फिल्मों में इस तरह के कई मामले देखें होंगे जहां जेल में बंद कैदियों को अक्सर छुपाकर हथियार, मोबाइल और अन्य कई सामान पहुंचा दिए जाते हैं. लेकिन यह तो थी रील लाइफ की बात लेकिन मध्य प्रदेश से रीयल लाइफ में भी ऐसा ही एक मामला सामने आया है, जहां फिल्मी स्टाइल में जेल के अंदर कैदी को मोबाइल भेजने का प्रयास किया गया, हालांकि उसके पहले ही यह पूरा मामला सामने आ गया. 

चप्पल में छुपा कर कैदी तक मोबाइल पहुंचाने की हुई कोशिश 
दरअसल, सोमवार को जेल में बंद कैदियों से मुलाकात के लिए बड़ी संख्या में उनके परिजन पहुंचे थे, इसी दौरान एक कैदी से मुलाकात करने आया शख्स जेल प्रशासन की आंखों में धूल झोंककर मोबाइल फोन अंदर पहुंचाना चाहता था. लेकिन महिला जेल प्रहरी शिवांगी चौरे की सतर्कता से यह योजना नाकाम हो गई. युवक ने चप्पल में बड़ी होशियारी से मोबाइल छुपा रखा था, लेकिन वह अपने इस काम में सफल नहीं हो पाया. 

इस तरह चप्पल में छुपा रखा था मोबाइल  
दरअसल, युवक ने मोबाइल फोन चप्पल का तलवा काटकर उसमें छिपा कर रखा था. कैदी तक सामान पहुंचाने के पहले जब सामान की जांच की, तब पता चला एक चप्पल भारी है और दूसरा हल्का. जब महिला जेल प्रहरी शिवांगी चौरे ने उसे गौर से परखा गया तब चप्पल के सोल में मोबाइल रखा हुआ मिला. जिस कैदी तक यह मोबाइल पहुंचाया जा रहा था उसका नाम चेतन बताया जा रहा है जो बुरहानपुर जिले का रहने वाला है. चेतन को अपरहण और बलात्कार के मामले में 10 साल की सजा हुई है. जेल के अधिकारी अब सीसीटीवी फुटेज के माध्यम से सामान पहुंचाने वाले की तलाश कर रहे है. 

जेल प्रहरी शिवांगी चौरे ने बताया कि कैदियों से मिलने के लिए उनके रिश्तेदार, दोस्त और स्वजन आए थे. मुलाकात करने के साथ ही उसके लिए कपड़े, खाने का सामान और चप्पल लाए थेय मुलाकात खत्म होने के बाद लोगों द्वारा अपने बंदियों को दिए गए सामान की चेकिंग की गई. जेल में बंदियों तक सामान जाने से पहले मुख्य गेट पर ही एक-एक कर सभी थैलियों को खोलकर देखा गया. महिला प्रहरी शिवांगी चौरे थैलियों में रखे सामान की जांच कर रही थी. 

एक चप्पल का वजन था ज्यादा 
इस दौरान उन्होंने सजायाफ्ता कैदी चेतन पुत्र सीताराम के नाम की पर्ची वाली थैली देखी, थैली में कपड़े और अन्य सामान के साथ एक जोड़ी चप्पल थी. शिवांगी ने चप्पल को उठाकर देखा तो एक भारी और दूसरी हलकी थी. जिस पर उन्हें शक हुआ जब उन्होंने ध्यान से भारी वाली चप्पल को देखा तो उसका पिछला भाग कटा हुआ था. उसे काटकर वापस चिपकाया गया था. जब उसने यह कटे हुए भाग को खोलकर देखा तो उसके अंदर मोबाइल फोन रखा हुआ मिला. इसके बाद उन्होंने तुरंत मामले की जानकारी जेल अधीक्षक अदिति चतुर्वेदी और जेलर ललित दीक्षित को दी. जेल अधीक्षक अदिति चतुर्वेदी ने कहा कि जिसने भी ये हरकत की है उसकी की पहचान कर उसके खिलाफ थाने में प्रकरण पंजीबद्ध करवाया जाएगा. 

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