mp news:मध्य प्रदेश के जबलपुर स्थित नेताजी सुभाष चंद्र बोस मेडिकल कॉलेज परिसर में कुत्तों को एक अज्ञात कंकाल खोपड़ी खाते देखा गया. इस घटनीा का वीडियो सामने आते ही पूरे कॉलेज में हड़कंप मच गया. मामले की जांच जबलपुर पुलिस कर रही है.
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Jabalpur Medical clg news:मध्य प्रदेश के जबलपुर से हैरान करने वाला मामला सामने आया है. एमपी के जबलपुर स्थित नेताजी सुभाष चंद्र बोस मेडिकल कॉलेज से एक वीडियो सामने आया, जिसे देख हर किसी को हैरानी हो रही है. मेडिकल कॉलेज के परिसर में कुत्ते एक अज्ञात कंकाल की खोपड़ी खाते दिखे. वीडियो में दिख रहे कुत्ते बेरहमी से कंकाल खोपड़ी को नोच -नोच कर खाते नजर आए, जिसे देख हर कोई सिहर उठा. कॉलेज परिसर में कुत्तों को ऐसे खोपड़ी नोचते देखने के बाद मेडिकल कॉलेज में हड़कंप मच गया और तुरंत पुलिस को खबर दी गई.
अज्ञात खोपड़ी को नोचते दिखे कुत्ते
जबलपुर के नामी सुभाष चंद्र बोस मेडिकल कॉलेज में इस घटना के बाद से ही हड़कंप का माहौल बन गया है. किसी को भी कॉलेज परिसर में पड़ी खोपड़ी के बारे में अंदाजा नहीं था. कॉलेज के एक नंबर हॉस्टल के पीछे पड़ी अज्ञात खोपड़ी की खबर आने से आशंका जताई जा रही कि खोपड़ी किसी नवजात बच्चे की हो सकती है और कंकाल खोपड़ी को वहां देख कुत्ते परिसर में जमा हो गए होंगे और खोपड़ी को खाने लगे होंगे. वीडियो सामने आते ही मेडिकल सुपरिटेंडेंट ने चिंता जताते हुए जबलपुर स्थित गढ़ा थाना में मामले की शिकायत दर्ज करा दी है.
मेडिकल सुपरिटेंडेंट का बयान
सुभाष चंद्र बोस मेडिकल कॉलेज के मेडिकल सुपरिटेंडेंट ने मामले पर आशंका जताते हुए कहा कि हो सकता है कॉलेज परिसर में पड़ी खोपड़ी, किसी स्टूडेंट की हाथ से धोखे से कहीं पर गिर गई हो. खोपड़ी किसी नवजात बच्चे का है या धोखे से स्टूडेंट की हाथों गिरी है, इसका अभी पता नहीं चला है, मामले की शिकायत गढ़ा थाना में कर दी गई है और फिलहाल अभी मामले की जांच चल रही है.
जिंदा शख्स की बना दी डेथ सर्टिफिकेट
हाल ही में सुभाष चंद्र बोस मेडिकल कॉलेज का एक और मामला सुर्खियों में था, जहां कॉलेज के डॉक्टरों और स्टाफ की लापरवाही ने एक जिंदा शख्स को मृत घोषित कर दिया. उस जिंदा शख्स की डेथ सर्टिफिकेट बना कर उसे डेड बताया गया था. मेडिकल कॉलेज पहुंचे 67 साल के इंद्रजीत शुक्ला की डॉक्टरों ने इलाज शुरू करके उन्हें भर्ती कर लिया था, लेकिन जब अचानक से उनकी तबियत खराब हुई तो कुछ देर बाद डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया, इतना ही नहीं डॉक्टर ने उनका डेथ सर्टिफिकेट भी डिक्लेअर कर दिया था. मामला सामने आते ही जांच के निर्देश दिए गए थे जहां डॉक्टरों और स्टाफ की लापरवाही सामने आई है.