बैतूल की समझदार ग्राम पंचायत, ग्रामीणों में मतभेद भी नहीं हुआ और पढ़ा-लिखा सरपंच भी मिल गया
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बैतूल की समझदार ग्राम पंचायत, ग्रामीणों में मतभेद भी नहीं हुआ और पढ़ा-लिखा सरपंच भी मिल गया

मध्य प्रदेश के बैतूल जिले में एक ग्राम पंचायत ने आपसी सहमति से अपने सरपंच का चुनाव किया है, जिससे गांव में इस बार चुनाव की स्थिति नहीं बनी और सभी निर्विरोध चुन लिए गए. खास बात यह है कि गांव के लोगों को पढ़ा लिखा सरपंच चाहिए था. जिसके लिए उन्होंने यह फैसला लिया. 

बैतूल की समझदार ग्राम पंचायत, ग्रामीणों में मतभेद भी नहीं हुआ और पढ़ा-लिखा सरपंच भी मिल गया

बैतूल। मध्य प्रदेश में हो रहे पंचायत चुनाव में एक तरफ जहां लोग सरपंच अन्य पदों को पाने के लिए खूब तिकड़म लगा रहे हैं, जिसके चलते विवाद और झगड़े भी हो रहे हैं. लेकिन दूसरी तरफ कुछ पंचायतों में लोग आपसी सहमति से ऐसे फैसले भी ले रहे हैं, जिससे न सिर्फ गांवों का विकास होगा बल्कि दूसरे लोग भी इससे प्रभावित हो रहे हैं. मध्य प्रदेश के बैतूल जिले की देवपुर कोटमी ग्राम पंचायत में भी कुछ ऐसा ही हुआ है. जहां के ग्रामीणों की इच्छा पढ़े लिखे और समझदार सरपंच को चुनने की थी, जिसके लिए गांव के लोगों ने आपसी सहमति बनाई और पूरी पंचायत निर्विरोध हो गई. 

बैतूल जिले के चिचोली जनपद पंचायत के अंतर्गत आने वाली देवपुर कोटमी ग्राम पंचायत में इस बार पंचायत के चुनाव नहीं होंगे, क्योंकि यहां के ग्रामीणों ने आम सहमति बनाकर सरपंच और 20 पंचों को निर्विरोध चुन लिया है. इस ग्राम पंचायत से सभी 20 पंच और सरपंच ने एक-एक नामांकन दाखिल किया. इनके नामांकन की जांच के बाद उन्हें वैध पाया गया. सिंगल नामांकन होने के कारण अब यहां चुनाव की स्थिति नहीं बनेगी. इस फैसले के पीछे ग्रामीणों की आम सहमति बताई जा रही है. 

पढ़ा लिखा हो गांव का सरपंच 
दरअसल, देवपुर कोटमी ग्राम पंचायत में 6 गांव शामिल हैं और यहां की जनसंख्या लगभग 4000 है. यहां हर बार ग्राम पंचायत में सरपंच और पंच के चुनाव होते थे. लेकिन इस बार ग्रामीणों ने निर्णय लिया कि चुनाव में आपस में मतभेद होते हैं लड़ाई और बुराई भी होती हैं, जबकि हर बार जनप्रतिनिधि भी पढ़ा लिखा नहीं मिलता था. ऐसे में सरपंच और पंच पढ़े लिखे हो इसको लेकर गांव में बैठक बुलाई गई और उसमें निर्णय लिया गया कि जो पढ़े लिखे लोग हैं और अच्छे लोग हैं उन्हें सरपंच और पंच के रूप में चुना जाए. जहां आम सहमति के बाद यहां पर सरपंच और पंच का चयन निर्विरोध हो गया. 

इनकों मिली सरपंच की जिम्मेदारी 
42 साल के अमर दास पढ़े लिखे हैं, उन्होंने अकाउंट से एमकाम किया है. हालांकि उन्हें सरकारी नौकरी तो नहीं मिल पाई, लेकिन अब ग्रामीणों ने उन्हें सरपंच जैसी महत्वपूर्ण जिम्मेदारी सौंप दी है. जिसको लेकर उन्होंने संकल्प लिया है कि वे देवपुर कोटमी ग्राम पंचायत को आदर्श ग्राम पंचायत बनाएंगे, इसके अलावा पंच में पुरुषों के साथ महिलाएं भी शामिल हैं, वार्ड नंबर 6 से जो कि आदिवासी महिला के लिए आरक्षित है वहां से 12वीं तक पढ़ी ज्योति इवने को पंच के रूप में चुना गया है. ज्योति ने भी गांव के विकास में अपना योगदान देने की बात कही है. 

खास बात यह है कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पहले ही इस बात की घोषणा कर चुके हैं कि जहां निर्विरोध चुनाव होगा उन पंचायतों को सरकार सम्मानित करने का काम करेंगे. ऐसे में माना जा रहा है कि अब बैतूल जिले की देवपुर कोटमी ग्राम पंचायत को भी सीएम शिवराज सम्मानित करेंगे. 

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